Success story:दो सगी बहनों ने पहले ही प्रयास में क्रेक की यूपीएससी की परीक्षा, घर में जश्न का माहौल
Success story:उत्तरप्रदेश का उन्नाव जिला और यहां का गांव अजयपुर आज खुशियों से पूरी तरह सराबोर है। हो भी क्यों नहीं यहां की दो बेटियों सगी बहनों सौम्या मिश्रा और समुेघा मिश्रा ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। इससे जिले का नाम रोशन हुआ है। इसी कारण पूरे गांव में जश्न जैसा माहौल है। बड़ी बहन सौम्या मिश्रा ने ऑल इंडिया में 18वीं रेक हासिल की है जबकि छोटी बहन सुमेघा मिश्रा ने 253वीं रेंक हासिल की। अजयपुर गांव में आज हर किसी के मुंह में लड्डू हैं।
एसडीएम के पद पर हैं सौम्या
सौम्या मिश्रा इस समय मिर्जापुर जिले की मड़िहान तहसील में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 2021 में यूपी पीएससी के माध्यम से एसडीएम का पद हासिल किया था और नौकरी के साथ-साथ अपनी यूपीएससी की पढ़ाई भी जारी रखी थी। सौम्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और मिर्जापुर में जहां वह तैनात है, वहां के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया। सौम्य ने कहा कि इन अधिकारियों ने मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के दौरान उसका मार्गदर्शन किया। उसने अपने लिए यह गर्व का क्षण बताया है। सौम्या ने कहा कि सही दिशा में मेहनत करके आप कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं।
हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही सुमेघा मिश्रा
यदि हम छोटी बहन सुमेघा मिश्रा की बात करें तो वह हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहती थी। हाई स्कूल में उसने 94 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद इंटरमीडिएट में भी उसने 92 प्रतिशत अंक हासिल किए। सुमेघा मिश्रा ने बीए तथा एमए में भी शानदार अंक हासिल किए और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। एमए करने के बाद सुमेघा ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। समुेघा ने कहा कि उसकी दीदी ने भी उसको बहुत प्रेरित किया। पहले ही प्रयास में सफलता मिलना उसके लिए एक सपने जैसा है।
पिता कॉलेज में शिक्षक
सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा के पिता राघवेंद्र मिश्रा दिल्ली के एक डिग्री कॉलेज में शिक्षक है। राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां पढ़ाई में पहले ही बहुत तेज थी। दोनों को शुरू से ही आईएएस बनना था। इसलिए दोनों ने कड़ी मेहनत की और अपने लक्ष्य को हासिल किया है। उनकी पत्नी रेनू मिश्रा गृहिणी हैं। गांव में उनकी मां इंद्रा देवी रहती हैं। दोनों बेटियों की सफलता पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा है। यह केवल उन्नाव की बात नहीं बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश में दोनों बहनें एक प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।