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success story:दादरी की दो बेटियों ने यूपीएससी में गाड़े सफलता के झंडे

 

success story:चरखी दादरी। यूपीएससी की परीक्षा में चरखी दादरी की दो बेटियों ने भी सफलता के झंडे गाड़े हैं। गांव मोड़ी निवासी स्वाति फोगाट और गांव धनासरी की अंकिता श्योराण ने यूपीएससी में परचम लहराया है। स्वाति को 306वीं रेंक और अंकित श्योराण को 337वीं रेंक मिली है। दोनाें बेटियों की सफलता पर उनके गांवों के साथ पूरे जिले में ही खुशी की लहर है। दोनों बेटियों के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। 


दूसरे प्रयास में स्वाति को मिली सफलता
मौड़ी गांव निवासी स्वाति फोगाट को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। इस बार उसे 306वीं रेंक मिली है। उनके पिता रमेश फोगाट ने बताया कि स्वाति की बचपन की ​शिक्षा गांव में ही हुई है। इसके बाद उसने राई स्पोटर्स स्कूल से 12वीं कक्षा पास की। दिल्ली के कमला नेहरू कॉलेज से स्वाति ने ज्योग्राफी ऑनर्स में बीए पास की। इसके बाद उसने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डिस्टेंस कार्यक्रम से ज्योग्राफी में ही एमएससी पास की। उसने नेट और जेआरएफ भी क्वालीफाई किया हुआ है। स्वाति फोगाट इस समय जयपुर में वनस्थली से पीएचडी कर रही है। 27 वर्षीय स्वाति के पिता रमेश फोगाट डीपीई के पद से रिटायर्ड हुए हैं। उनकी माता सुदेश देवी एक गृह​णि हैं। स्वाति का छोटा भाई जतिन फोगाट नूंह के नल्लहड़ कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है। स्वाति को जब पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली तो उसने हार नहीं मानी ब​ल्कि और अ​धिक मेहनत करनी शुरू कर दी। इसी मेहनत के बल पर वह इस बार सफल हो गई। 


अंकिता तो भी दूसरे प्रयास में ही मिली सफलता
गांव धनासरी निवास अंकित श्योराण को भी पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद उसने दूसरा प्रयास किया तो उसे सफलता मिली। अंकित श्योराण ने 337वीं रेंक हासिल की है। गांव धनासरी निवासी विजेंद्र श्योराण की बेटी अंकित श्योराण की शादी महेंद्रगढ़ जिले में हुई है। श्योराण ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल महेंद्रगढ़ से की थी और 12वीं की पढ़ाई आरपीएस स्कूल महेंद्रगढ़ से ही की थी। 12वीं पास करने के बाद बिना कोचिंग के अंकित ने रोहतक पीजीआई से एमबीबीएस की परीक्षा गोल्ड मेडल के साथ पास की। एमबीबीएस करते ही आरएमएल अस्पताल दिल्ली से एमडी मेडिसिन भी उसने पास की। अंकिता श्योराण के दादा डॉ. उमेद सिंह वीएलडी से रिटायर्ड हैं जबकि पिता विजेंद्र श्योराण जिला ​शिक्षा अ​धिकारी से रिटायर्ड हो चुके हैं। उनकी माता कमलेश श्योराण अध्यापिका हैं।