Success Story: झुग्गियों में रहने वाली ये महिला बनी IAS अधिकारी, जानें फर्श से अर्श तक की कहानी
IAS Ummul Kher Success Story : संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की परीक्षा को पास करना बहुत कठिन होता है. हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में हिस्सा लेते है. लेकिन उनमें से बहुत कम लोग होते है जो इस परीक्षा को पास करके IAS, IPS अधिकारी बनते है.
आज हम आपको एक ऐसी ही महिला अधिकारी के बारे में बता रहे है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और मुश्किलों से लड़कर इस मुकाम को हासिल किया है. हम बात कर रहे है आईएएस उम्मुल खेर (IAS Ummul Kher)की.
उम्मुल खेर राजस्थान के पाली में रहने वाले एक गरीब मारवाड़ परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उम्मुल बोन फ्रजाइल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. इस बीमारी से शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती है.
बोन फ्रजाइल डिसऑर्डर (Bone Fragile Disorder) के कारण उम्मुल की हड्डियां अक्सर टूट जाती थीं. उम्मुल ने अपनी ज़िंदगी में कुल 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी झेली हैं.
उम्मुल के परिवार में माता-पिता और तीन भाई-बहन हैं. उम्मुल घर में सबसे छोटी है. उम्मुल के पिता परिवार सहित दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित झुग्गी में रहने लगे थे.
उम्मुल के पिता कपड़ों की फेरी लगाते थे. उस समय सरकारी आदेश पर वहां की झुग्गियां तोड़ दी गई थीं. उसके बाद उनका परिवार त्रिलोकपुरी के स्लम एरिया में रहने लगा. उसके बाद उम्मुल के परिवार की आर्थिक स्थिति ओर भी ज्यादा कमजोर हो गई.
अपनी पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए उम्मुल ने 7वीं कक्षा से ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था. जब उम्मुल 9वीं कक्षा में थीं, तब उनकी मां का देहांत हो गया. उसके बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी.
उम्मुल की नई मां को उनका स्कूल जाना पसंद नहीं था. लेकिन उम्मुल अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ सकती थीं और इसलिए उन्होंने घर छोड़ दिया और अकेले रहने लगीं. उम्मुल ने 10वीं में 91 प्रतिशत और 12वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उसके बाद उम्मुल ने जेएनयू के इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल से एमए और एमफिल की डिग्री हासिल की.
साल 2014 में जापान के इंटरनेशनल लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए उम्मुल का चयन हुआ था. 18 साल के इतिहास में उम्मुल ऐसी चौथी भारतीय थीं, जिन्हें इसके लिए चुना गया.
एमफिल के बाद उम्मुल ने जेआरएफ (JRF) क्लियर किया और यहीं से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई. उसके बाद उम्मुल ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी. साल 2016 में अपने पहले प्रयास में उम्मुल ने ऑल इंडिया 420वीं रैंक हासिल की. उसके बाद उन्हें IAS कैडर मिल गया.