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Success Story: इस IAS अधिकारी ने जीता पैरालंपिक मेडल के साथ अर्जुन पुरस्कार, खेलते है ये खेल 

 

IAS Suhas Lalinakere Yathiraj Success Story : संघ लोक सेवा आयोग(UPSC)हर साल सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करवाते है. इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार आते है, लेकिन इनमें से बहुत कम लोग होते है जो इस परीक्षा को पास कर पाते है.

आज हम आपको एक ऐसे ही IAS अधिकारी के बारे में बता रहे है जिन्होंने पैरालंपिक मेडल के साथ अर्जुन पुरस्कार जीता है. हम बात कर रहे है IAS सुहास एलवाई यतिराज(IAS Suhas Lalinakere Yathiraj) की. 

सुहास एलवाई का जन्म 2 जुलाई, 1983 को कर्नाटक के हसन जिले में हुआ था. सुहास के पिता भी सरकारी सेवा करते थे. जन्म से ही सुहास के बाएं टखने में विकृति के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सुहास ने अपनी इस कमजोरी को अपनी मजबूरी नहीं बनने दिया.

सुहास ने अपनी स्कूली शिक्षा शिवमोगा, कर्नाटक में हुई. उसके बाद उन्होंने एनआईटी(NIT) सुरतकल से कंप्यूटर साइंस में  ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उसके बाद  सुहास ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी और IAS अधिकारी बन गए.

सुहास पढ़ाई करने के साथ-साथ बैडमिंटन में भी रूची थी. सुहास ने इस खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता प्राप्त की और भारत का नाम रोशन किया. सुहास ने साल 2016 में पैरा बैडमिंटन का अपना सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय इवेंट जीता.

2016 में बीजिंग में आयोजित एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में उन्होंने इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर गोल्ड मेडल जीता था. जिस समय सुहास ने गोल्ड मेडल जीता, तब वे यूपी के आजमगढ़ जिले के जिलाधिकारी थे.

फिर साल 2018 में सुहास ने राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. 2020 टोक्यो पैरालंपिक और 2024 पेरिस पैरालंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. सुहास को जीतने पर कई बार सरकार ने उन्हें सम्मानित किया.

साल 2021 में सुहास को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ये देश के पहले ऐसे IAS अधिकारी है जिन्होंने पैरालंपिक मेडल जीतने के साथ-साथ अर्जुन पुरस्कार भी जीता है और सुहास को उत्तर प्रदेश में महाराजगंज, हाथरस, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़, प्रयागराज और गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी रहे हैं. वर्तमान में सुहास उत्तर प्रदेश के युवा कल्याण मंत्रालय के सचिव एवं महानिदेशक हैं.