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Success Story: सेल्फ स्टडी के दम पर इस महिला ने हासिल की UPSC में AIR 14वीं रैंक, देवर की शहादत से मिली प्रेरणा

 

IAS Taruni Pandey Success Story :  संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा को पास करने के लिए खून-पसीना एक करना पड़ता है. इस परीक्षा पास करना बहुत ही ज्यादा कठिन है.

इसके लिए ज्यादातर लोगों को आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. आज हम आपको एक ऐसी महिला अधिकारी के बारे में बता रहे है, जिन्होंने अपने देवर की शहादत प्रेरणा ली और UPSC की परीक्षा को पास किया.

हम बात कर रहे है आईएएस तरुणी पांडे(IAS Taruni Pandey) की. तरुणी पांडे का जन्म पश्चिम बंगाल के चित्तरंजन में हुआ, वे एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनका पालन-पोषण झारखंड के जामताड़ा में हुआ.

उनके माता-पिता, दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं. तरुणी का सपना था कि वे डॉक्टर बनें. वे पढ़ाई-लिखाई में बहुत होशियार थी. तरुणी पांडे ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था.

स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तरुणी को सेकेंड ईयर में ही MBBS की पढ़ाई छोड़नी पड़ी और करियर के नए रास्ते तलाशने पड़े. उसके बाद तरुणी ने इग्नू से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

तरुणी पांडे ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी करने का फैसला किया. तरुणी के देवर CRPF में कैप्टन थे, जो एक युद्ध में शहीद हो गए थे. इस घटना पर तरुणी पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला.

उन्होंने IAS अधिकारियों और टॉप ब्यूरोक्रेट को अपने परिवार की मदद के लिए आगे आते देखा. उसके बाद से तरुणी ने IAS बनने की ठान ली. तरुणी ने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

उसके लिए तरुणी ने  सेल्फ स्टडी, YouTube जैसे ऑनलाइन रिसोर्स माध्यम से UPSC की तैयारी की. बिना कोचिंग इंस्टीट्यूट के तरुणी ने इस परीक्षा की तैयारी शुरू की. 4 महीने की तैयारी के बाद 2020 की सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा देने के लिए तैयार थीं.

लेकिन COVID-19 महामारी ने उनकी इस योजना पर पानी फेर दिया. उसके बाद तरुणी ने साल 2021 में UPSC की परीक्षा दी और ऑल इंडिया 14वीं रैंक को हासिल करके IAS अधिकारी बन गई.