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Success Story: किसानी से कारोबार और कारोबार से राजनीति तक, प्रेरणा देती है मनोहर साहू की संघर्ष से सफलता तक की कहानी

 

SUCCESS STORY: मनोहर साहू का जन्म मध्यप्रदेश में सागर जिले के चतुरभटा गांव में किसान परिवार में हुआ। पिता द्वारका प्रसाद साहू खेती करते थे, वहीं मां कमलरानी साहू ने परिवार को सहेजने की जिम्मेदारी निभाई। बाल्यकाल से ही मनोहर साहू को मेहनत करने की आदत लग गई थी। पढ़ाई के साथ-साथ घर की चक्की में काम करना और पिता के साथ खेत में हाथ बंटाना उनके जीवन का हिस्सा रहा। यही कठिन परिश्श्रम आगे चलकर उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी ताकत बना। आज उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है। 

व्यवसाय की दुनिया में खुद को साबित किया 

सागर में माध्यमिक शिक्षा पूरी करते हुए ही मनोहर साहू ने प्रॉपर्टी के व्यवसाय की बारीकियां सीखना शुरू कर दिया था। आर्थिक सीमाओं के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। मकरोनिया में "श्री द्वारिकाधीश विहार" नाम से अपनी पहली कॉलोनी की शुरुआत की। ईमानदारी और ग्राहकों के प्रति विश्वसनीयता की वजह से उनका काम तेजी से बढ़ा और आज तक वे चार कॉलोनियों का सफल विकास कर चुके हैं। जमीन के इस व्यवसाय के साथ-साथ वे खेती को भी नहीं भूले। आज भी उनके पास चतुरभटा में 20 एकड़ भूमि पर खेती चल रही है।

नए व्यवसायिक क्षेत्रों में भी सफल प्रयोग 

मनोहर साहू ने खुद को सिर्फ प्रॉपर्टी तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने मकरोनिया बटालियन के पास बासुदेव रेस्टोरेंट होटल की स्थापना का कार्य शुरू किया है। इस होटल में आने वाले समय में क्षेत्रवासियों को एक बेहतरीन रेस्टोरेंट और पारिवारिक आयोजन स्थल उपलब्ध होगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते दौर को भांपते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के शोरूम की भी शुरुआत की है। इस तरह मनोहर साहू व्यवसाय में भी समय के साथ आगे बढ़ते रहे हैं।

समाज सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं साहू 

समाज से गहराई से जुड़े मनोहर साहू समाज के हर वर्ग की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। बच्चों की शिक्षा में आर्थिक सहयोग हो या फिर गरीब बेटियों की शादी, हर क्षेत्र में उनकी मदद गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचती है। गौशाला के संचालन में भी वे सक्रिय हैं। बिट्टन नगर मड़िया के लिए उन्होंने 2000 फीट जमीन दान में दी है, जो उनकी समाजसेवा की सोच को दर्शाता है। उनके अनुसार, समाज में जो कुछ भी पाया है, उसे समाज को लौटाना भी कर्तव्य है। कोरोना महामारी के दौरान भी मनोहर साहू ने सफाईकर्मियों से लेकर घर लौट रहे मजदूरों तक को भोजन और दूसरी जरूरी सामग्री मदद के तौर पर उपलब्ध कराई।

राजनीति में सेवा का भाव लेकर आगे बढ़ रहे

मनोहर साहू भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं और वर्तमान में मंडल उपाध्यक्ष के रूप में दायित्व संभाल रहे हैं। राजनीति को वे सेवा का दूसरा मंच मानते हैं। भविष्य में वे राजनीति के माध्यम से और व्यापक स्तर पर जनसेवा करना चाहते हैं। उनका मानना है कि राजनीति यदि ईमानदारी और सेवा भाव से की जाए तो समाज को बहुत कुछ दिया जा सकता है।