जेईई एडवांस में कम अंक वाले विद्यार्थियों को भी आईआईटी में दाखिले का मौका
आईआईटी में दाखिला लेने के लिए लाखों उम्मीदवार जेईई एडवांस में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही इस परीक्षा को क्वालीफाई कर वहां तक पहुंच पाते हैं। जेईई एडवांस की टॉप लिस्ट से बाहर होने वाले एससी-एसटी या दिव्यांग कैटेगरी के विद्यार्थी आइआइटी में प्रवेश ले सकते हैं। इन विद्यार्थियों को आइआइटी एक साल में बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए तैयारी करवाएगा। इसके लिए आइआइटी एक खास प्रीपेरेटरी कोर्स संचालित करता है।
यह है आइआइटी प्रीपेरेटरी कोर्स
यह एक साल का विशेष तैयारी कोर्स है, जो उन विद्यार्थियों को दिया जाता है जो जेईई काउंसलिंग तो क्वालिफाई कर लेते हैं, लेकिन सामान्य कटऑफ मार्क्स नहीं छू पाते और रैंक लिस्ट में जगह नहीं बना पाते हैं। हालांकि इसमें एससी/एसटी और दिव्यांग कैटेगरी की ऐसी आरक्षित सीटें, जो जोसा काउंसलिंग के बाद भी खाली रह जाती हैं, उन्हीं पर इन छात्रों को मौका दिया जाता है।
कौन ले सकता है एडमिशन
जेईई एडवांस में न्यूनतम अंक जरूरी है। यह हालांकि सामान्य कटऑफ की तुलना में काफी कम है। लेकिन, यह योग्यता केवल एससी/एसटी और दिव्यांग कैटेगरी के छात्रों के लिए ही लागू है। अन्य भी एडमिशन ले सकते हैं। बशर्ते पहले कभी प्रीपेरेटरी कोर्स में दाखिला न लिया हो, संबंधित कैटेगरी में सीटें खाली होनी चाहिए। जोसा काउंसलिंग-2025 में पंजीयन व चॉइस फिलिंग करना जरूरी है।
यह कोस आइआइटी कैंपस में ही कराया जाता है, ताकि विद्यार्थी अगले शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हो सके। कोर्स पूरा होने पर विद्यार्थियों को बीटेक/बीई कोर्स में डायरेक्ट एडमिशन दिया जाता है। कोर्स के अंत में पास या फेल घोषित किया जाता है।
पास होने वाले को छात्र की योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर किसी भी आइआइटी में सीट मिल सकती है, जरूरी नहीं कि वही आइआइटी हो जहां कोर्स किया हो।इस कोर्स के साथ विद्यार्थी जेईई एडवांस 2026 में भी पात्रता के आधार पर दोबारा बैठ सकते हैं।