MP में 15 मई तक देनी होगी प्राइवेट स्कूलों को फीस की जानकारी, शिक्षा विभाग ने किया आदेश जारी
MP News: मध्य प्रदेश राज्य में प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने बच्चों से प्राइवेट स्कूलों में वसूली जाने वाली फीस की पूरी जानकारी देने हेतु आदेश जारी किए हैं। प्राइवेट स्कूलों को बच्चों से ले जाने वाली फीस के बारे में अब 15 मई तक पूरी जानकारी सांझा करनी होगी। पाठकों को बता दें कि प्राइवेट स्कूल कॉपी, किताब और यूनिफॉर्म के नाम पर मनमानी न करें, इसलिए मध्य प्रदेश में शासन ने पुस्तक मेला भी लगाया। अब शिक्षा विभाग ने फीस वृद्धि बताने में स्कूलों को 15 मई तक की मोहलत दी है।
बच्चों से सालाना 25 हजार से कम फीस लेने वाले स्कूलों को मिली छूट
मध्य प्रदेश राज्य में प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की पूरी जानकारी 15 मई तक देने हेतु डेडलाइन रखी है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार ऐसे स्कूल पोर्टल पर जानकारी फीड नहीं करेंगे जो विद्यार्थियों से सालाना 25 हजार रुपए से कम फीस ले रहे हैं। यह देश मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर जिले में पारित किए गए हैं। इससे जिले के कई स्कूल सरकारी झंझटों से मुक्त हो जाएंगे। बता दें कि कि नए सत्र में किस स्कूल में कितनी फीस बढ़ेगी, यह 90 दिन पहले बताने का नियम है।
प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि की जानकारी सांझा करने हेतु पहले रखी गई थी 31 मार्च डेडलाइन
शैक्षणिक सत्र 2025-26 की फीस संबंधी जानकारी के लिए सभी स्कूलों को पोर्टल पर 31 मार्च तक जानकारी फीड
करनी थी लेकिन इस बीच संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी ने पत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि स्कूलों को पोर्टल में जानकारी फीड करने में दिक्कत आई इसलिए अब बाकी रहे स्कूलों को 15 मई तक फीस संरचना सहित अन्य जानकारी फीड कर सकते हैं।
इसके साथ ही एक और आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जिन स्कूलों की सभी कक्षाओं की वार्षिक फीस रुपए 25 हजार या इससे कम है, उन पर मध्यप्रदेश निजी स्कूल (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 नियम 2020 के उपबंध लागू नहीं होंगे। इसी आधार पर ऐसे स्कूलों को पोर्टल पर फीस की संरचना अपलोड करने के लिए बाध्य न किया जाए। छोटे और कम फीस वाले स्कूलों को राहत देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इन्हें फीस वृद्धि एक्ट के दायरे में ही करनी होगी। इससे ऐसे स्कूलों ने राहत की सांस ली है।
समिति को 45 दिन में तथ्य देखकर निराकरण करना होगा
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि विभाग के संशोधित आदेश से मंदसौर जिले के 500 से ज्यादा निजी स्कूलों को राहत मिली है। विभागीय अमले के मुताबिक सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले और एमपी बोर्ड से संबद्ध लगभग कुछ ही स्कूल ऐसे हैं जिनकी सालाना फीस 25 हजार से अधिक है। अब इन्हें पोर्टल पर फीस वृद्धि की पूरी डिटेल फीड करनी होगी। यहां यदि फीस वृद्धि 10 फीसदी तक है तो वह मान्य है। यदि यह 10 से 15 फीसदी के बीच है तो जिला स्तर की समिति को 45 दिन में तथ्य देखकर निराकरण करना होगा। वृद्धि यदि 15 फीसदी से अधिक है तो राज्य स्तर पर बनी विभागीय समिति अंतिम निर्णय लेगी।