NEET 2025 में नहीं हुआ सिलेक्शन, तो रूस से कम खर्च में कर सकते हैं MBBS, जानिए कैसे
अगर आप NEET यूजी 2025 की तैयारी कर रहे हैं और आपको इंडिया में सीट न मिलने की चिंता सता रही है तो आप आसानी से रूस से एमबीबीएस का सपना पूरा कर सकते हैं। हर साल 24 से 25 लाख स्टूडेंट NEEET की परीक्षा देते हैं लेकिन सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में मात्र 100000 सीट ही उपलब्ध है। ऐसे में भारत में एडमिशन होना मुश्किल हो जाता है लेकिन आप चाहे तो रूस से एडमिशन लेकर डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। भारत के ज्यादातर बच्चे रसिया से आज के समय में मेडिकल कर रहे हैं और अच्छी नौकरी भी पा रहे हैं।
रूस क्यों बना है भारतीय स्टूडेंट्स की पहली पसंद?
रूस एमबीबीएस के लिए इंडियन स्टूडेंट्स की पहली पसंद बन गया है। यहां बड़ी संख्या में भारत के बच्चे डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं। 2025 में उम्मीद है कि 40000 से अधिक इंडियन बच्चे रूस में मेडिकल की पढ़ाई करने जाए। यह कहीं ऐसी सुविधाएं हैं जो बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
कम फीस
रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि यहां फीस कम बताई जाती है। भारत में प्राइवेट कॉलेज मेडिकल की फीस एक करोड़ तक लेते हैं जबकि रूस में 6 साल में मात्र 18 से 45 लख रुपए में यह डिग्री मिल जाती है। ट्यूशन फीस की बात करें तो 2 से 5 लख रुपए प्रति साल है जो भारत के प्राइवेट कॉलेज से बेहद ही काम है। यहां भी एडमिशन के लिए आपको NEET क्वालीफाई करना होगा लेकिन इसके साथ ही आपको कोई और एंट्रेंस एग्जाम नहीं देना होगा।
इंग्लिश में होती है एमबीबीएस की पढ़ाई
रूस में इंग्लिश में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है और साथ ही साथ रूसी भाषा की बेसिक ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि हॉस्पिटल में डॉक्टर मरीज से बातचीत अच्छे से कर सके। यहां से डिग्री लेने के बाद भारत, यूके, US जैसे देशों में आसानी से स्टूडेंट्स प्रैक्टिस कर सकते हैं।
कम खर्चे में हॉस्टल की सुविधा
यह हॉस्टल का खर्च बेहद कम आता है। हॉस्टल रहने खाने जैसी सुविधाएं आप मात्र 10 से ₹30000 में कर सकते हैं।
रूस से MBBS करने के लिए इन शर्तों का करना होगा पालन
आप अगर एमबीबीएस का कोर्स रूस से करना चाहते हैं तो आपको कई शर्तों का पालन करना होगा। नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमों के अनुसार इंडियन स्टूडेंट्स को रूस में एमबीबीएस करने के लिए नीट यूजी क्वालीफाई करना जरूरी है।