बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी, हर संभव कदम उठाने के निर्देश
अब गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इस समय प्रतिदिन गर्मी बढ़ रही है। ऐसे में हर किसी को गर्मी से बचने की जरूरत है। इस गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में बच्चे गर्मी की चपेट में नहीं आने चाहिएं। अभी गर्मी इतनी तेज नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने बच्चों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी कर दी है।
पानी के लिए बजानी होगी घंटी
सरकार की तरफ से जारी निर्देश में साफ कहा है कि गर्मी से बचाने के लिए बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाना जरूरी है। इसके लिए स्कूल में घंटी बजाई जाएगी। यह घंटी बच्चों के लिए तीन बार बजाई जाएगी, जिससे वह पानी पी सकें। कई बार अधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए बार-बार घंटी बजाकर बच्चों को उचित पानी पीने के लिए समय देना जरूर है। इसके अलावा किसी भी प्रकार का आयोजन खुली धूप में नहीं होना चाहिए। विद्यार्थियों को ठंडी छांव में बैठाने का इंतजाम करना होगा।
गर्मी से बचाने की दी जाए जानकारी
बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए उनको जानकारी भी देना जरूरी है। इसके लिए बच्चों के साथ गर्मी से बचाव के उपायों की चर्चा भी करनी होगी। शिक्षा विभाग की तरफ से साफ कहा गया है कि हर बच्चे को गर्मी से बचने की जानकारी होनी चाहिए। यदि जरूरत पड़े तो इसके लिए आयुष विभाग से भी संपर्क किया जा सकता है। बाहर की गर्मी को कमरों के अंदर आने से रोके के भी तमाम उपाय करने होंगे। इसके लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियर, पन्नी और गत्ते से खिड़कियों को ढककर रखना होगा। इसके अलावा जिन खिड़कियों से गर्म हवा आती हो, वहां पर पर्दे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
नागरिक अस्पताल से भी संपर्क रखें
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल मुखियाओं को साफ निर्देश दिए हैं कि वह स्थानीय अस्पताल से भी संपर्क बनाए रखें। किसी भी इमरजेंसी में तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। क्लास रूम से बाहर होने वाली कोई भी गतिविधि सुबह दस बजे के बाद नहीं होनी चाहिए। अध्यापकों को आपातकाल के लिए अस्पतालों से ट्रेनिंग भी लेनी चाहिए। स्कूल छुट्टी के बाद जब बच्चे घर जाएं तो उनका शरीर और सिर कपड़े से ढका होना चाहिए। इसके लिए खासकर अध्यापकों की ड्यूटी लगाएं ताकि वह इस बात को सुनिश्चित कर सकें। इसके अलावा मौसम के बारे में भी अपडेट होनी चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन तथा पानी पीने के बारे में बताना भी जरूरी है।
बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी, हर संभव कदम उठाने के निर्देश
चंडीगढ़। अब गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इस समय प्रतिदिन गर्मी बढ़ रही है। ऐसे में हर किसी को गर्मी से बचने की जरूरत है। इस गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में बच्चे गर्मी की चपेट में नहीं आने चाहिएं। अभी गर्मी इतनी तेज नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने बच्चों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी कर दी है।
पानी के लिए बजानी होगी घंटी
सरकार की तरफ से जारी निर्देश में साफ कहा है कि गर्मी से बचाने के लिए बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाना जरूरी है। इसके लिए स्कूल में घंटी बजाई जाएगी। यह घंटी बच्चों के लिए तीन बार बजाई जाएगी, जिससे वह पानी पी सकें। कई बार अधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए बार-बार घंटी बजाकर बच्चों को उचित पानी पीने के लिए समय देना जरूर है। इसके अलावा किसी भी प्रकार का आयोजन खुली धूप में नहीं होना चाहिए। विद्यार्थियों को ठंडी छांव में बैठाने का इंतजाम करना होगा।
गर्मी से बचाने की दी जाए जानकारी
बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए उनको जानकारी भी देना जरूरी है। इसके लिए बच्चों के साथ गर्मी से बचाव के उपायों की चर्चा भी करनी होगी। शिक्षा विभाग की तरफ से साफ कहा गया है कि हर बच्चे को गर्मी से बचने की जानकारी होनी चाहिए। यदि जरूरत पड़े तो इसके लिए आयुष विभाग से भी संपर्क किया जा सकता है। बाहर की गर्मी को कमरों के अंदर आने से रोके के भी तमाम उपाय करने होंगे। इसके लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियर, पन्नी और गत्ते से खिड़कियों को ढककर रखना होगा। इसके अलावा जिन खिड़कियों से गर्म हवा आती हो, वहां पर पर्दे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
नागरिक अस्पताल से भी संपर्क रखें
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल मुखियाओं को साफ निर्देश दिए हैं कि वह स्थानीय अस्पताल से भी संपर्क बनाए रखें। किसी भी इमरजेंसी में तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। क्लास रूम से बाहर होने वाली कोई भी गतिविधि सुबह दस बजे के बाद नहीं होनी चाहिए। अध्यापकों को आपातकाल के लिए अस्पतालों से ट्रेनिंग भी लेनी चाहिए। स्कूल छुट्टी के बाद जब बच्चे घर जाएं तो उनका शरीर और सिर कपड़े से ढका होना चाहिए। इसके लिए खासकर अध्यापकों की ड्यूटी लगाएं ताकि वह इस बात को सुनिश्चित कर सकें। इसके अलावा मौसम के बारे में भी अपडेट होनी चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन तथा पानी पीने के बारे में बताना भी जरूरी है।