Dhaar News: एक महीने से डॉक्टर नहीं, नर्स और वार्डबॉय के भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाएं
Dhaar News: नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह से डॉक्टर नहीं है। 60 से ज्यादा गांवों के बीच सिर्फ यही एक अस्पताल है। डॉक्टर के अभाव में मरीज झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं। अस्पताल नर्स और वार्डबॉय के भरोसे चल रहा है। रोज मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से निराश लौट जाते हैं।
न स्वास्थ्य विभाग को चिंता है, न जनप्रतिनिधियों को। मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। कानवन थाने के अपराध मामलों की एमएलसी पहले यहीं होती थी। हर माह 40 से 50 एमएलसी बनती थी। अब पुलिस को 20 किलोमीटर दूर बदनावर जाना पड़ रहा है। इससे विभाग को परेशानी हो रही है। कानवन अस्पताल नया गांव फोरलाइन के पास है।
यहां आए दिन हादसे होते हैं। अस्पताल पास होने से घायलों की जान बच सकती है। लेकिन डॉक्टर नहीं होने से उन्हें धार या बदनावर ले जाना पड़ता है। गरीब मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। उनके पास इलाज के पैसे भी नहीं हैं। 15 हजार से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्र में एक भी डॉक्टर नहीं है।
3 करोड़ की लागत से बना है अस्पताल का भवन
कानवन पंचायत ने 3 करोड़ से ज्यादा की लागत से अस्पताल भवन बनवाया है। जो वर्तमान में धूल खा रहा है। नए भवन में सिविल अस्पताल की मांग तो दूर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी डॉक्टर और स्टाफ की व्यवस्था नहीं हो पा रही। जब डॉक्टर थे, तब प्रतिदिन 50-60 मरीज प्रतिदिन आते थे, लेकिन अभी 10-15 रोज आते हैं। जिनका पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा सामान्य उपचार कर उन्हें बदनावर जाने की सलाह दी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर नहीं दे पा रहा है, जनता परेशान हो रही है
इस पूरे मामले में क्षेत्रीय विधायक भंवरसिंह शेखावत ने बताया कि विकासखंड की बैठक में नए अस्पताल को शुरू करने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा प्राथमिक चिकित्सा में अब तक डॉक्टर नहीं दे पा रहे। जनता परेशान हो रही है। स्वास्थ्य विभाग लकवाग्रस्त हो गया है। वहीं इस पूरे मामले में बदनावर के बीएमओ डॉ. एसएल मुजाल्दा ने बताया कि दोनों डॉक्टरों का ट्रांसफर हो गया है। हमने जिले में आवेदन भेजकर मांग की है कि कानवन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर भेजा जाए।
पैरामेडिकल स्टाफ के पद भी खाली
यहां पैरामेडिकल स्टाफ के पद भी खाली हैं। लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, ड्रेसर, कंप्यूटर ऑपरेटर और आयुष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए डॉ. दीपा खत्री और डॉ. मुस्कान शर्मा को रिलीव कर दिया। आयुष डॉ. केके पाटीदार भी शासन के नियम अनुसार अन्य जगह सेवा दे रहे हैं।