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Dhaar News: 5 धूनी जलाकर तपस्या कर रहे संत बिहारी,तेज गर्मी के बीच विश्व शांति के लिए

 

Dhaar News: नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में संत राजूदास बिहारी तेज गर्मी और उमस के बीच अग्नि तपस्या कर रहे हैं। यह तपस्या विश्व शांति और वैश्विक तापमान को कम करने के लिए की जा रही है। वे प्रतिदिन दोपहर 12.15 से 3 बजे तक गोबर के उपलों के बीच बैठकर साधना करते हैं। हर दिन 108 से 350 उपले जलाए जाते हैं। यह तपस्या 5 जून गंगा दशमी तक चलेगी।

संत पिछले 20 सालों से इस तरह की साधना कर रहे हैं। तपस्या के दौरान संत के चारों ओर पांच धूनी लगाई जाती हैं। हर धूनी में गाय के 108 उपले जलाए जाते हैं। इस तरह प्रतिदिन कुल 260 उपले उपयोग में लिए जाते हैं। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा कर धूनी प्रज्ज्वलित की जाती है। उपलों की व्यवस्था भक्त कर रहे हैं।

संत ने बताया कि सनातन धर्म में 108 और गाय दोनों का विशेष महत्व है। संत ने बताया कि अग्नि तपस्या आत्मिक शुद्धि और शक्ति प्राप्त करने का माध्यम है। यह नाथ संप्रदाय की परंपरा है, जो नौतपा के दौरान की जाती है। इस साधना में इंद्रियों पर नियंत्रण और मन की एकाग्रता जरूरी होती है। संत ने कहा कि यह तपस्या समाज के लिए प्रेरणा है, जो संकल्प और समर्पण का संदेश देती है।