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मांडू के महलों में क्यूआर कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर दिखेगा इतिहास और तस्वीरें

 

Dhaar News: अब मांडू आने वाले पर्यटकों को महलों की जानकारी पाने के लिए गाइड की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने रानी रूपमती महल, बाज बहादुर महल और जहाज महल में क्यूआर कोड स्कैनर लगाए हैं। इन कोड को मोबाइल से गूगल एप के जरिए स्कैन करते ही महल का इतिहास, चित्र और प्रेम कथाएं हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में स्क्रीन पर दिखाई देंगी।

यह क्यूआर कोड रेड स्टोन स्टैंड पर लगे स्टील प्लेट में लगे हैं, जो पर्यटकों को प्रवेश करते ही नजर आ जाते हैं। जैसे ही कोड स्कैन होता है, उस महल से जुड़ी सभी जानकारियां मोबाइल पर खुल जाती हैं। जानकारी में महल का निर्माण कब हुआ, किसने कराया, किस शासक या रानी से जुड़ा है, उसमें कैसी चित्रकारी है, स्थापत्य की विशेषता क्या है – यह सब कुछ शामिल है।

मांडू सर्कल में शुरू हुए इस क्यूआर कोड प्रोजेक्ट को भोपाल एएसआई के सुपरीटेंडेंट मनोज कुमार कुर्मी ने संस्कृति संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आने वाली पीढ़ियां अपने अतीत से जुड़ेंगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस सुविधा से देशी और विदेशी पर्यटकों को अपने स्मार्टफोन से सीधे महलों की पूरी जानकारी आसानी से मिल रही है। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि गाइड पर निर्भरता भी कम होगी।

इसके अलावा, कुछ स्थलों पर इंटरैक्टिव डिजिटल डिस्प्ले भी लगाए गए हैं, जिनसे पर्यटक वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्व की जानकारी भी पा सकते हैं।

भोपाल और धार के अन्य ऐतिहासिक स्थलों जैसे भोजशाला और बाग की गुफाओं में भी ऐसे क्यूआर कोड लगाए गए हैं।

कैसे करें इस्तेमाल:
महल में प्रवेश करते ही गूगल एप खोलें, स्टैंड पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करें और महल से जुड़ी पूरी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर पढ़ें और देखें। यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है और हिंदी व अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है।