फैक्ट्री के चिलर में लगी आग, ड्रग्स केस से जुड़ी जगह होने से बढ़ी चर्चा
Dhaar News: औद्योगिक क्षेत्र में रविवार सुबह एक बंद फैक्ट्री के चिलर (कूलिंग टावर) से अचानक धुआं उठने लगा। थोड़ी ही देर में आग फैल गई और पूरा परिसर धुएं से भर गया। सूचना पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। गनीमत रही कि फैक्ट्री में रखे केमिकल से भरे ड्रम तक आग नहीं पहुंची, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
यह वही फैक्ट्री है, जहां से पिछले साल डीआरआई ने 168 करोड़ रुपए की कीमत की 112 किलो मेफेड्रोन (एमडी ड्रग) जब्त की थी। तब से यह परिसर सील है। ड्रग्स केस से जुड़ा होने के कारण इस घटना ने लोगों के बीच संदेह और चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन का कहना है कि आग फैक्ट्री के अंदरूनी हिस्से में नहीं लगी थी, बल्कि केवल कूलिंग टावर में थी और समय रहते बुझा दी गई।
आग लगने के बाद तहसील प्रशासन, नगर पंचायत और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग इतनी तेज थी कि आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। औद्योगिक क्षेत्र में कई केमिकल फैक्ट्रियां हैं, इसलिए लोगों को डर था कि अगर आग बढ़ी तो पूरे इलाके पर असर हो सकता है।
पिछले साल छापे के दौरान फैक्ट्री से 36 किलो पाउडर और 76 किलो लिक्विड मेफेड्रोन मिला था। बताया जाता है कि यहां दिन में कपड़े रंगने से जुड़े इंटरमीडिएट बनाए जाते थे, जबकि रात में ड्रग्स तैयार की जाती थीं। फैक्ट्री करीब 15 साल पुरानी है और ढाई साल पहले इसे एक नए मालिक ने खरीदा था। उस समय फैक्ट्री मालिक समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
अभी तक आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। शुरुआती जांच में आगजनी की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। घटना के बाद फैक्ट्री को फिर से सील कर दिया गया है और संभावना है कि आने वाले दिनों में संबंधित एजेंसियां जांच कर सकती हैं।