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धार जिले में कॉलेज भवन जर्जर, मरम्मत का काम नहीं शुरू

 

Dhaar News: धार जिले के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में सुविधाओं का दावा किया जाता है, लेकिन भवन की वास्तविक स्थिति कुछ और ही दिखा रही है। 1963 में बने इस भवन का ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर दोनों जर्जर हो चुके हैं। कई जगह पानी टपक रहा है और छत से प्लास्टर गिर रहा है। ऐसे में किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है।

जिम्मेदारों के अनुसार ग्राउंड फ्लोर की मरम्मत के लिए 41 लाख 18 हजार रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम अभी शुरू नहीं हो पाया है। वहीं फर्स्ट फ्लोर भी गंभीर स्थिति में है और वहां से भी प्लास्टर गिरने लगा है। इसका सर्वे किया गया है, लेकिन मरम्मत के लिए राशि कब मिलेगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। सवाल यह उठता है कि जब ग्राउंड फ्लोर के लिए पैसा मंजूर हुआ था, उस समय फर्स्ट फ्लोर की स्थिति पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया।

कॉलेज प्रशासन ने 2 मई 2025 को उच्च शिक्षा विभाग को मरम्मत का एस्टीमेट भेजा था। इसमें ग्राउंड फ्लोर के कामर्स विंग और बायोटेक विंग में वाटर प्रूफिंग का प्रावधान किया गया था। पूरे भवन में एल्युमिनियम की खिड़कियां लगाई जानी थीं। इसके साथ ही रंगाई-पुताई और अन्य सुधार कार्य भी करने थे। लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।

छज्जे और फर्स्ट फ्लोर से गिरते प्लास्टर के कारण कॉरिडोर में भी बड़ा हादसा होने का खतरा है। कॉलेज में 1963 के पुराने भवन की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जबकि 2023 में बनी नई चंद्रयान बिल्डिंग में 3.4 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। नई बिल्डिंग की पहली मंजिल पर रूम तैयार किए जा रहे हैं, बायोटेक और जूलाजी की लैब बन रही है, वहीं मैथेमेटिक्स की कक्षा और ई-लाइब्रेरी का निर्माण भी हो रहा है।

प्राचार्य ने बताया कि पुराने भवन में हादसा न हो इसके लिए सतर्कता बरती जा रही है। 41 लाख 18 हजार रुपए पीडब्ल्यूडी के खाते में भेजे गए हैं, लेकिन अब तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ।