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बच्चों ने सीखी मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने की कला

 

Dhaar News: शहर के पीएम श्री विद्यालय में बच्चों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था – बच्चों को मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने की कला सिखाना और साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना।

इस आयोजन में दो सौ से अधिक बच्चों ने भाग लिया। सभी बच्चों ने अपने हाथों से मिट्टी गूंथकर छोटी-छोटी गणेश प्रतिमाएं बनाईं। बच्चों का उत्साह ऐसा था कि कई ने पहली बार मूर्ति बनाई, फिर भी वे गर्व से अपनी प्रतिमा घर ले गए और परिवार के साथ स्थापना का संकल्प लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के चित्र के सामने दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुई। अतिथियों ने बच्चों को बताया कि मिट्टी से बनी प्रतिमाएं आसानी से घुल जाती हैं और जल को प्रदूषित नहीं करतीं। इसके विपरीत प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां नदी-तालाबों को गंदा करती हैं और जलचर जीवन के लिए खतरा पैदा करती हैं।

वरिष्ठ समाजसेवी अभय किरकिरे ने बच्चों को सरल भाषा में समझाया कि हमारी परंपरा में हमेशा से मिट्टी के गणेश की पूजा का महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि यही पूजा सच्चे अर्थों में भगवान का सम्मान है। इसके बाद उन्होंने बच्चों को प्रतिमा बनाने की विधि का प्रदर्शन भी किया।

पूरे कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने मन लगाकर प्रतिमा निर्माण सीखा। विद्यालय के शिक्षक, कई जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी इस मौके पर मौजूद रहे। नालछा थाना प्रभारी कैलाश बारिया सहित कई लोगों ने बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की।

अंत में आयोजन का संचालन हुकुमचंद कामदार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन निर्मल मंडलोई ने किया। बच्चों और उपस्थित लोगों ने ठान लिया कि आने वाले समय में केवल मिट्टी से बने गणेश ही स्थापित किए जाएंगे, ताकि त्योहार के साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रह सके।