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जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट शुरू, तीन हजार से अधिक मरीजों को लाभ

 

Dhaar News: जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की शुरुआत के बाद मरीजों को बड़ा फायदा मिलने लगा है। तीन महीने पहले शुरू हुई इस सुविधा से अब तक तीन हजार से ज्यादा लोग लाभ उठा चुके हैं। पहले मरीजों को पूरा ब्लड चढ़ाना पड़ता था, लेकिन अब केवल वही घटक दिया जा रहा है जिसकी ज़रूरत होती है।

इस यूनिट में ब्लड से तीन मुख्य घटक बनाए जा रहे हैं – प्लाज्मा, आरबीसी और प्लेटलेट्स। पिछले तीन महीनों में 1526 यूनिट ब्लड से कंपोनेंट तैयार किए गए, जिनसे 3052 मरीजों का इलाज संभव हुआ। यह व्यवस्था पहले उपलब्ध नहीं थी, जिससे कई बार पूरे ब्लड चढ़ाने के कारण मरीजों को एलर्जी जैसी समस्याएं हो जाती थीं।

ब्लड कंपोनेंट यूनिट की स्थापना की प्रक्रिया 2023 में शुरू हुई थी। आवश्यक मशीनें और लाइसेंस मिलने के बाद 2025 में इसका संचालन शुरू किया गया। यूनिट में कुल 15 तरह की आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें डीप फ्रीजर, प्लाज्मा सेपरेशन मशीन, लैमिनर एयर फ्लो, प्लाज्मा एक्सट्रैक्टर और रेफ्रिजेरेटेड सेंट्रीफ्यूज शामिल हैं।

पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल वर्मा के अनुसार, अब मरीज को केवल वही कंपोनेंट दिया जाएगा जिसकी उसे आवश्यकता है। इससे न सिर्फ दुष्प्रभाव कम होंगे बल्कि रक्त की बर्बादी भी रुकेगी। उदाहरण के लिए, जिसे प्लेटलेट्स की जरूरत है उसे केवल वही दिए जाएंगे, पूरे ब्लड की नहीं।

इसके साथ ही अस्पताल में किलिया मशीन भी इंस्टॉल की गई है। इस मशीन से एक साथ 65 तरह की जांचें की जा सकती हैं। इससे हेपेटाइटिस बी-सी, एचआईवी और वीडीआरएल जैसी जांचें बहुत तेजी से हो रही हैं और रिपोर्ट समय पर उपलब्ध हो रही है।

इस नई सुविधा के चलते मरीजों को अब ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी उपचार मिल रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि आने वाले समय में इससे जिले भर में ब्लड से जुड़ी बीमारियों के इलाज में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।