रात 8 बजे के बाद सूना हो जाता है बस स्टैंड, चौपाटी पर ही उतार दी जाती हैं बसें
Dhaar News: बदनावर नगर का सरदार वल्लभभाई पटेल बस स्टैंड रात 8 बजे के बाद सुनसान नज़र आता है। वजह है – रात्रिकालीन बसों का स्टैंड तक न पहुंचना। रतलाम-इंदौर मार्ग पर चलने वाली अधिकांश बसें शाम के बाद यात्रियों को चौपाटी पर ही उतार देती हैं। इससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
यात्रियों का कहना है कि चौपाटी से देर रात घर जाना आसान नहीं होता। न तो सार्वजनिक साधन आसानी से मिलते हैं और न ही निजी वाहन किफ़ायती रहते हैं। कई बार ऑटो-रिक्शा चालक जरूरत का फायदा उठाकर दोगुना किराया वसूलते हैं। यदि उस समय ऑटो उपलब्ध नहीं होते, तो यात्रियों को पैदल या लिफ्ट लेकर ही घर लौटना पड़ता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं और पुलिस प्रशासन को भी सूचित किया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पहले जब बसें रात तक स्टैंड आती थीं, तब यहां 11 बजे तक चहल-पहल रहती थी, लेकिन अब अंधेरा और सन्नाटा पसरा रहता है।
बदनावर का बस स्टैंड सुविधाओं की दृष्टि से पूरे जिले में बेहतर माना जाता है। यहां यात्री प्रतीक्षालय, पेयजल व्यवस्था, शौचालय और सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें बनी हैं। स्टैंड परिसर में पर्याप्त रोशनी और सुंदरता के लिए हाल ही में बनवाया गया विजय स्तंभ भी आकर्षण का केंद्र है। इतनी सुविधाओं के बावजूद रात को बसों का न पहुंचना लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है।
नगर परिषद का कहना है कि रात में बसें स्टैंड तक आएं, इसके लिए प्रयास जारी हैं। वहीं ट्रैफिक पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि यदि बसें सीधे चौपाटी से निकलती हैं, तो वहां चेक पॉइंट लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
यात्रियों की मांग है कि जल्द से जल्द रात्रिकालीन बसों को बस स्टैंड तक लाने की व्यवस्था हो, ताकि लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिल सके।