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रेलवे ब्रिज पर आज लगेगी 32 मीटर लंबी 80 टन की गर्डर, दो माह बाद फोरलेन पर लगेगी 76 मीटर की गर्डर

 

Dhaar News: दाहोद-इंदौर रेल प्रोजेक्ट के तहत गुजरात सीमा से झाबुआ के रंगपुरा तक ट्रैक बिछाने का काम जारी है। इस रूट पर अब तक 13 पुलों पर गर्डर डाली जा चुकी है। अब झाबुआ-मेघनगर रोड पर बन रहे अंडर ब्रिज पर 32 मीटर लंबी और 80 टन वजनी गर्डर डाली जाएगी। यह अब तक की सबसे बड़ी गर्डर है।

गर्डर डालने का काम शुक्रवार रात 10 बजे से लेकर रात 2 बजे तक किया जाएगा। इस दौरान यातायात प्रभावित रहेगा और कम से कम 15 मिनट तक रोड पूरी तरह बंद करना पड़ेगा। इसलिए यह काम रात में किया जाएगा। गर्डर डालने के लिए एक हाई कैपेसिटी क्रेन, दो पोकलेन मशीन और सात ट्रेलर लगाए जाएंगे। रतलाम रेल मंडल के पांच से ज्यादा अफसर मौके पर मौजूद रहेंगे।

डिप्टी चीफ इंजीनियर निर्मल कुमार मीणा ने लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी दी है।रेलवे अधिकारियों के अनुसार इससे बड़ी गर्डर 76 मीटर लंबी होगी, जिसे पिटोल के पास दो महीने बाद डाला जाएगा। अभी गोपालपुरा में गर्डर डालने की तैयारी चल रही है। यहां रेलवे स्टेशन लगभग बनकर तैयार है और ट्रैक बिछाया जा रहा है। हालांकि स्टेशन से कुंडला की ओर एक रोड वाले हिस्से में खुदाई बाकी है। अफसरों का कहना है कि फरवरी 2027 तक यह काम पूरा हो जाएगा।

दाहोद-इंदौर रेल लाइन की कुल लंबाई 204 किमी है। इसका काम 2008 में शुरू हुआ था, जिसमें से अब तक 32.3 किमी लाइन तैयार हो चुकी है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 2873 करोड़ रुपये है। रंगपुरा तक रेलवे के पास जमीन है, लेकिन आगे की जमीन का अधिग्रहण जारी है। झाबुआ तहसील के 5 गांवों में सुनवाई हो चुकी है। जल्द ही मुआवजा देकर आगे का काम शुरू किया जाएगा।