Dhaar News: 60 कारीगर तैयार कर रहे पंडाल, 42 हजार स्क्वेयर फीट में बनेगा सीसी प्लेटफॉर्म
Dhaar News: जैन महातीर्थ मोहनखेड़ा पर चातुर्मास की शुरुआत 7 जुलाई से हो रही है। जिसकी तैयारी एक माह पूर्व से शुरू हो चुकी है। इस बार पंडाल बानाने के लिए भोजपुरी व बंगाली मजदूर आए है। जिन्होंने वहां काम शुरू कर दिया है। वहीं 42 हजार स्क्वेयर फीट में सीसी प्लेटफार्म बनाया जाएगा। चातुर्मास आचार्यश्री जयानंद सूरीश्वर आदिठाणा का होगा। इसके लिए विशाल पंडाल बनाया जा रहा हैं।
चातुर्मास संघवी ढेलीदेवी समरथमल हरकाजी फोलामुधा परिवार राजस्थान के द्वारा कराया जा रहा हैं। दो माह के चातुर्मास में एक हजार से अधिक आराधक सहभागिता कर तप और आराधना करेंगे। समाज के महेश तातेड़ और रोहित भंडारी ने बताया कि मोहनखेड़ा तीर्थ पर चातुर्मास को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। 108 धर्मशाला के समीप वाटप्रूफ पंडाल बनाया जा रहा हैं। आचार्यश्री का मंगल प्रवेश सात जुलाई को जय तलेटी से चल समारोह के रूप में मोहनखेड़ा पर होगा।
इसमें22 हजार स्क्वेयर के दो पंडाल बनाए
आचार्यश्री के चातुर्मास को लेकर दो पंडाल बनाए जा रहे एक पंडाल में प्रययन धर्म आयना और दूसरा पंडाल भोजनशाला के लिए बनाया गया। पंडाल का प्रवेश द्वार साढ़े तीन हजार से अधिक बल्लियों से बनाया जा रहा हैं। पंडाल तैयार करने में करीब एक माह का समय लगेगा।
400 लोगों के रहने के लिए वाटरप्रूफ आवास की सुविधा की
चातुर्मास स्थल पर आराधकों के ठहरने के लिए अस्थाई रूप से सीसी प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा रहा हैं। यहां 400 लोगों के रहने के लिए वाटरप्रूफ आवास की सुविधा की गई हैं। ताकि अन्य प्रांतों से आने वाले आराधकों को चातुर्मास स्थल पर ही ठहरने की व्यवस्था की जा सके।
प्रतिदिन होगी धार्मिक क्रियाएं
चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन प्रतिक्रमण के साथ ही देववंदन व जिनवाणी का श्रवण भी होगा। शाम को भक्ति व सामूहिक आराधना भी होगी। चातुर्मास में सहभागिता करने वाले आराधकों को एकासना का तप भी अनिवार्य रूप से करना होगा। वहीं 12 वर्ष से अधिक आयु की युवती को साड़ी में रहना अनिवार्य होगा।