UPS-NPS : केंद्र सरकार ने यूपीएस में किया बड़ा बदलाव, सेवानिवृति से पहले बदलाव की शर्ते की तय
केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) से दोबारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में लौटने के लिए कई शर्ते तय की हैं। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस में स्विच करने के लिए केवल एक बार मौका मिलेगा। उन्हें अपनी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तिथि से कम से कम एक साल पहले तक इसके लिए आवेदन करना होगा।
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग की अधिसूचना के अनुसार, जो कर्मचारी पहले ही यूपीएस चुन चुके हैं, वे अपनी सेवा अवधि के दौरान इसे छोड़कर एनपीएस में शामिल हो सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों को यूपीएस के सभी लाभ खत्म हो जाएंगे। यदि कर्मचारी स्विच सुविधा समय सीमा के भीतर प्रयोग नहीं करता है, तो उसे डिफाल्ट रूप से यूपीएस के अंतर्गत ही माना जाएगा। 20 जुलाई तक 31,555 कर्मचारियों यानी सिर्फ 1,37 प्रतिशत ने यूपीएस को चुना था। एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने की डेडलाइन 30 सितंबर 2025 है।
एकर जब यह स्विच सुविधा ले ली जाएगी, तो इसके बाद संबंधित कर्मचारी यूपीएस लाभों या निश्चित भुगतान के लिए पात्र नहीं रहेंगे। सरकार का 4 प्रतिशत का अंतर योगदान डिफॉल्ट निवेश पैटर्न के तहत जमा किया जाएगा और यह राशि कर्मचारी के एनपीएस कोष में निकासी के समय दिखेगी।
ये शर्ते लागू होंगी
सेवानिवृत्ति की तिथि से कम से कम एक साल पहले तक एनपीएस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में यह समयसीमा कम से कम तीन माह की होगी।