भारत के दस लाख लोगों को नौकरी देगा रुस, जल्द ही शुरू होगी भर्ती
रुस में इंजीनियरिंग और मेटल्स से जुडी कंपनियों में काम करेंगे भारतीय
रुस व यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध के बीच में बेरोजगार चल रहे भारतीयों के लिए रोजगार की नई आस जगी है। रुस ने भारत के दस लाख लोगों को रुस में रोजगार देने का फैसला लिया है। यह रोजगार भारत सरकार के माध्यम से रुस द्वारा दी जाएगी। रूस-यूक्रेन में युद्ध में रूसी लोगों को तैनात किया गया है, इसके कारण वहां पर श्रम की कमी आ गई है। इसको दूर करने के लिए इस साल के अंत तक भारत से दस लाख भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने की योजना बना रहा है।
यूराल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रमुख आंद्रेई बेसेदिन ने इस आशय की जानकारी दी है। बेसेदिन ने बताया कि, भारत के साथ इस संबंध में जरूरी समझौते हो चुके हैं। मैंने अपने भारतीय सहयोगियों से सुना है कि 2025 के अंत तक भारत से 10 लाख विशेषज्ञ कामगार सहित रूस आएंगे। ये रूस के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगे।
यह भी पता चला है कि इन भारतीय कामगारों के प्रबंधन के लिए येकातेरिनबर्ग में एक नया भारतीय कांसुलेट खोला जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले श्रम की कमी से जूझते इजरायल में भी भारत से कुशल श्रमिकों को जरूरत को पूरा करने के लिए भेजा गया था।
इंजीनियरिंग और मेटल्स से जुडी कंपनियों में करेंगे काम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये कर्मचारी स्वेर्दलोवस्क इलाके में इजीनियरिंग और मेटल्स से जुड़ी कंपनियों में कर्मचारियों की कमी को दूर करेंगे। रूसी अधिकारियों ने बताया है कि कई स्थानीय कर्मचारी यूक्रेन से जंग में शामिल हैं, जबकि युवा कारखानों में नौकरी नहीं करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि इस क्षेत्र का मुख्य शहर, येकातेरिनबर्ग, ट्रांस-साइबेरियन रेलवे के माध्यम से यूरोप और एशिया को जोड़ने वाले एक प्रमुख अंतरदेशीय बंदरगाह और रसद केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और आर्कटिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। बेसेदिन ने कहा कि भारतीय श्रमिकों के अलावा, मास्को श्रीलंका और उत्तर कोरिया से भी कामगारों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है।