शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में DM ने दिए सख्त आदेश, स्कूलों में अनुपस्थिति पर निगरानी
UP News: सुपौल के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। डीएम ने स्कूलों में अनुपस्थिति और विभिन्न शिक्षा योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
बैठक में सामने आया कि 2 सितंबर को 985 शिक्षकों ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की। डीएम ने निर्देश दिया कि ऐसे शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोका जाए। यदि शिक्षक सरकारी कार्य या प्रशिक्षण में नहीं हैं, फिर भी स्कूल से अनुपस्थित हैं, तो उनके खिलाफ निलंबन कार्रवाई की जाएगी।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी त्रिवेणीगंज से अनुश्रवण की स्पष्ट जानकारी नहीं देने पर डीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भोजनावकाश के बाद स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
कस्तुरबा विद्यालयों में अधूरा नामांकन पूरा करने के लिए एक सप्ताह के भीतर विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया। प्रत्येक स्कूल को अनुरक्षण और मरम्मत के लिए 50 हजार रुपये प्रदान किए गए हैं।बिजली, पानी, शौचालय और रैम्प जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता से सुनिश्चित करने का निर्देश भी डीएम ने दिया। 15 दिन बाद उप विकास आयुक्त इसकी समीक्षा करेंगे। इस समय 10,563 बच्चों का डीबीटी रुका हुआ है। डीएम ने तीन दिनों में सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाकर लंबित डीबीटी भुगतान सुनिश्चित करने को कहा।
रसोई और स्कूल परिसर की सफाई पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया गया। बरसात में जलजमाव, मच्छर और सर्पदंश से बचाव के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने का निर्देश भी दिया गया।
अगर किसी स्कूल में खाद्यान्न कम पाया जाता है, तो तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूचना देने का आदेश दिया गया। लंबे समय से रुके निर्माण कार्य और खराब गुणवत्ता पर भी डीएम ने नाराजगी जताई। सहायक अभियंता की अनुपस्थिति और असंतोषजनक प्रगति पर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया गया।
डीएम ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू किया जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।