UP में लखनऊ-वाराणसी हाईवे के बीच बनेगा ग्रीनफील्ड बाईपास, 1272 करोड रुपए की आएगी लागत
New Greenfield Bypass UP: उत्तर प्रदेश राज्य में नेशनल हाईवे का जाल बिछाने हेतु केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर तेजी से कार्य कर रही हैं। प्रदेश में तेजी से बिछ रहे सड़कों के जाल के चलते विकास कार्य में भी तेजी आ रही है। अब उत्तर प्रदेश राज्य के निवासियों को एक और बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है। प्रदेश में जल्द आपको लखनऊ-वाराणसी नेशनल हाईवे के बीच ग्रीन फील्ड बाईपास देखने को मिलेगा।
हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लखनऊ वाराणसी हाईवे के बीच ग्रीनफील्ड बाईपास के लिए 1272 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस बाईपास के बनने से दूरी कम होने के साथ समय की भी बचत होगी। इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात के बाद मंजूर किया गया है।
75 मिनट का सफर होगा 40 मिनट में पूरा
प्रदेश में लखनऊ वाराणसी हाईवे के मध्य बनने जा रहे ग्रीनफील्ड बाईपास का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद 75 मिनट का सफर कम होकर 40 मिनट का रह जाएगा। रायबरेली से लेकर जौनपुर तक बनाए जा रहे इस ग्रीनफील्ड बाईपास पर सरकार 1272 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रदेश में इस कॉरिडोर के निर्माण से मोहनगंज और रानीगंज के साथ रायबरेली, लालगंज व अझारा जैसे इलाकों में लखनऊ वाराणसी बाईपास कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद 75 मिनट के सफर को वाहन चालक महज 40 मिनट में पूरा कर सकेंगे। प्रदेश में इस ग्रीनफील्ड बाईपास के बनने से वाहन चालकों की समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
ग्रीनफील्ड बाईपास के तहत रायबरेली जुड़ेगा जौनपुर से
उत्तर प्रदेश राज्य में बनाए जा रहे नए ग्रीन फील्ड बाईपास से अवध को पूर्वांचल से और रायबरेली को जौनपुर से जोड़ने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में इन बड़े शहरों के आपस में जुड़ने से कनेक्टिविटी तो बेहतर होगी ही होगी साथ ही साथ विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। इसके अलावा इस बाईपास पर पड़ने वाले गांवों के युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
प्रतापगढ़ का होगा आर्थिक और सामाजिक विकास
नितिन गडकरी ने इसको लेकर सोशल मीडिया मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के रायबरेली-जौनपुर खंड पर लालगंज अझारा, मोहनगंज और रानीगंज में 2-लेन ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण के लिए 1272.22 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है।