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देश भर में 1 जुलाई से आंगनबाड़ी में फेस रिकग्निशन अनिवार्य

 

1 जुलाई से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों की उपस्थिति दर्ज करना और गर्म पका हुआ भोजन खाने का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा।
1 जुलाई से आंगनवाड़ी में फेस रिकग्निशन व्यवस्था अनिवार्य कर दिया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है

 आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने और टेक-होम राशन (घर ले जाने वाला पोषण आहार) वितरण के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।

मंत्रालय की ओर से मई में जारी पत्र के अनुसार, अब पोषण ट्रैकर एप में लाभार्थियों की प्रोफाइल में फेस रिकग्निशन फीचर जोड़ा गया है। लाभार्थी खुद भी एप के सिटिजन मॉड्यूल के जरिए ई-केवाईसी और फोटो कैप्चर कर सकते हैं। इसके अलावा, 1 अगस्त से नए लाभार्थियों के पंजीकरण के समय भी फेस रिकग्निशन अनिवार्य कर दिया गया है।


गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों के लिए आधार के माध्यम से ई-केवाईसी और चेहरे की पहचान पूर्वापेक्षा होगी।

0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के मामले में माता-पिता या अभिभावक का आधार नंबर आवश्यक होगा।

पत्र के अनुसार, 3-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए जीवंतता पहचान तकनीक का उपयोग करके एक तस्वीर ली जाएगी, जिसका उपयोग बाद में सेवा वितरण के दौरान किया जाएगा।

0-3 वर्ष के समूह से बड़ी श्रेणी में जाने वाले बच्चों को भी अपनी तस्वीरें तदनुसार अपडेट करनी होंगी।

मंत्रालय ने राज्य अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से लाभार्थियों को शामिल करने में सुविधा प्रदान करने तथा निर्बाध प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और फोटोग्राफ को अद्यतन करने को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है।

यह निर्देश मंत्रालय द्वारा 12 नवंबर, 2024 और 5 मार्च, 2025 को जारी किए गए पूर्व संचार के बाद जारी किया गया है, जिसमें पोषण ट्रैकर प्रणाली के तहत फेस ऑथेंटिकेशन मॉड्यूल के चरणबद्ध कार्यान्वयन की रूपरेखा दी गई थी।