CBI का बड़ा एक्शन, ₹800 करोड़ घोटाले में TCE और JNPT के पूर्व अफसरों पर केस
CBI Updates: CBI ने मुंबई के पास समुद्री जहाजों के रास्ते को गहरा करने के लिए किए गए "कैपिटल ड्रेजिंग प्रोजेक्ट" में ₹800 करोड़ से ज्यादा के घोटाले के मामले में कार्रवाई की है। इसमें जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (TCE) के पूर्व अधिकारियों समेत दो निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया गया है।
CBI ने यह केस तीन साल की जांच के बाद दर्ज किया। आरोप हैं कि टेंडर की शर्तें इस तरह बनाई गईं कि विदेशी कंपनियों को ही फायदा मिले। साथ ही लागत को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, बिना काम किए भुगतान किया गया और कई जरूरी नियमों का उल्लंघन हुआ।
FIR में JNPT के पूर्व चीफ इंजीनियर सुनील कुमार मादभावी, TCE के पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवदत्त बोस और दो ड्रेजिंग कंपनियों – Boskalis Smit India LLP और Jan De Nul Dredging India Pvt Ltd के नाम शामिल हैं। CBI ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार कानून के तहत केस दर्ज किया है।
CBI ने मुंबई और चेन्नई में पांच जगह छापे भी मारे हैं, जहां से कई दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और निवेश से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं। जांच में सामने आया कि 2003 से 2019 के बीच दो चरणों में हुए इस प्रोजेक्ट में करीब ₹800 करोड़ का नुकसान हुआ।
CBI का कहना है कि अधिकारियों और निजी कंपनियों की मिलीभगत से ये घोटाला हुआ, जिसमें नियम तोड़कर ठेके दिए गए और गलत तरीके से भुगतान किया गया।