बीसीसीआई ने रोहित शर्मा की आखिरी इच्छा को ठुकराया, चयनकर्ताओं के निर्णय के बाद लेना पड़ा सन्यास
भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रशंसक जानना चाह रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि 38 वर्षीय रोहित को इंग्लैंड दौरे से करीब दो महीने पहले अचानक टेस्ट क्रिकेट छोड़ना पड़ा।
दरअसल, इस पूरे वाकये की शुरुआत करीब दो सप्ताह पहले हुई थी, जब रोहित शर्मा ने फैसला किया कि वह जून में होने वाले इंग्लैंड दौरे से पहले कप्तानी छोड़ देंगे। वह जानते थे कि उनकी उम्र और फॉर्म अब उनका साथ नहीं दे रही हैं। ऐसे में रोहित चाहते थे कि वह इंग्लैंड दौरे पर एक खिलाड़ी के तौर पर जाएं और वहीं से टेस्ट क्रिकेट को शान से अलविदा कहें, लेकिन उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो सकी।
पिछले साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को मिली हार के बाद रोहित शर्मा की बल्लेबाजी और कप्तानी पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। यह तय था कि इंग्लैंड दौरा रोहित शर्मा की आखिरी टेस्ट सीरीज होगी, लेकिन इसे लेकर चयनकर्ताओं में कुछ मतभेद थे।
इसलिए कर दी संन्यास की घोषणा
रोहित को यह बात पता चल चुकी थी कि शायद उन्हें इंग्लैंड दौरे से पहले कप्तानी से हटा दिया जाए। ऐसे में उन्होंने खुद ही कप्तानी से हटने का फैसला ले लिया था और इसके बारे में चयनकर्ताओं को बता दिया था। साथ ही रोहित ने चयनकर्ताओं से कहा कि वह इंग्लैंड दौरे पर बतौर खिलाड़ी शुरुआती दो टेस्ट खेलकर मैदान से विदाई लेना चाहते हैं, लेकिन चयन समिति को यह मंजूर नहीं था। इस कारण रोहित के पास संन्यास की घोषणा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
खराब फॉर्म बनी सबसे बड़ी मुसीबत
रोहित शर्मा की टेस्ट क्रिकेट में खराब फॉर्म उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में रोहित शर्मा पांच पारियों में 6.20 की औसत से सिर्फ ३१ रन ही बना सके थे। इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर १० रन था। वहीं, पिछली 17 पारियों में रोहित की औसत 11.47 रही है।