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Yes Bank को RBI से मिली राहत, सोमवार को शेयरों में तेज उछाल की उम्मीद

 

Yes Bank: निजी क्षेत्र के बैंक Yes Bank को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक बड़ी राहत मिली है। जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) को अब यस बैंक में 24.99% तक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिल गई है। यह अनुमोदन RBI ने 22 अगस्त 2025 को जारी पत्र के जरिए दिया, जो एक साल तक वैध रहेगा।

यस बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी कि RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि अधिग्रहण के बाद SMBC को बैंक का प्रवर्तक (Promoter) नहीं माना जाएगा। इस खबर के बाद निवेशकों की निगाहें सोमवार, 25 अगस्त को खुलने वाले बाजार पर टिकी हैं, जब बैंक के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।

SMBC ने कहां से खरीदी हिस्सेदारी?

SMBC के यस बैंक में निवेश की चर्चा पहली बार मई 2025 में सामने आई थी। कंपनी ने द्वितीयक लेनदेन के जरिए लगभग 20% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा भारतीय स्टेट बैंक (13.19%) से आया, जबकि एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक से संयुक्त रूप से करीब 6.81% हिस्सेदारी खरीदी गई।

2020 का संकट और नई उम्मीदें

मार्च 2020 में यस बैंक की स्थिति बिगड़ने पर RBI ने बैंक का बोर्ड भंग कर दिया था। इसके बाद SBI और कई अन्य बैंकों ने मिलकर यस बैंक को बचाया। अब SMBC की हिस्सेदारी से बैंक की वित्तीय मजबूती और निवेशकों का भरोसा दोनों बढ़ने की उम्मीद है।

विदेशी निवेश पर असर

इस डील से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश का रास्ता आसान हो सकता है। वर्तमान नियमों के अनुसार विदेशी निवेशकों के मतदान अधिकार 26% तक सीमित हैं, जबकि बैंकों में वित्तीय संस्थानों की निवेश सीमा 15% है। यही वजह है कि बड़ी हिस्सेदारी खरीदने में अक्सर दिक्कत आती है।

अतीत में भी RBI ने संकटग्रस्त बैंकों को विदेशी बैंकों से जोड़ा है। उदाहरण के लिए, 2020 में लक्ष्मी विलास बैंक को सिंगापुर के DBS बैंक की भारतीय शाखा के साथ विलय कराया गया था।

सोमवार को शेयरों पर नजर

शुक्रवार को NSE पर यस बैंक का शेयर 0.77% गिरकर 19.28 रुपये पर बंद हुआ था। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि सोमवार को बाजार खुलते ही इस सौदे का सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है और निवेशकों की खरीद बढ़ सकती है।