ITR फाइल करने से पहले फॉर्म 16 और 16A की जांच क्यों ज़रूरी है? जानिए कारण
ITR Filling:वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग शुरू: ITR-1 और ITR-4 ऑनलाइन उपलब्ध, जानिए फॉर्म 16 और फॉर्म 16A का महत्व वित्त वर्ष 2024-25 (Assessment Year 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आयकर विभाग ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को ऑनलाइन फाइलिंग के लिए उपलब्ध करा दिया है। ऐसे में टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना जरूरी है कि रिटर्न फाइल करते समय कौन-कौन से दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं — जिनमें फॉर्म 16 और फॉर्म 16A का अहम स्थान है।
क्या होता है फॉर्म 16 और फॉर्म 16A?
फॉर्म 16 और फॉर्म 16A को TDS सर्टिफिकेट कहा जाता है, जो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) का प्रमाण होते हैं। इनकम टैक्स कानून के तहत, यदि आपका एंप्लॉयर या कोई अन्य संस्था आपके इनकम से टैक्स काटती है, तो उसे सरकार को जमा कराने के साथ-साथ आपको एक प्रमाण पत्र जारी करना होता है — जिसे ही TDS सर्टिफिकेट कहा जाता है।
फॉर्म 16: यह विशेष रूप से सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को जारी किया जाता है। इसमें आपकी कुल सैलरी, कटे हुए टैक्स की राशि, और जमा किए गए टैक्स की जानकारी दी जाती है।
फॉर्म 16A: यह सैलरी के अलावा अन्य इनकम जैसे फ्रीलांसिंग, प्रोफेशनल फीस, ब्याज आदि पर काटे गए टैक्स के लिए जारी किया जाता है।
इन फॉर्म्स की मदद से आप अपने टैक्स रिटर्न को आसानी से भर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके टैक्स रिकॉर्ड सरकार के पास सही तरीके से दर्ज हैं।
क्या होता है TDS
TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) सर्टिफिकेट एक ऑफिशियल डॉक्युमेंट होता है, जो उस पर्सन या एंटिटी को इश्यू किया जाता है जिसने किसी पेमेंट पर टैक्स डिडक्ट किया हो। इनकम टैक्स एक्ट के अंदर, कुछ स्पेसिफिक पेमेंट करने से पहले टैक्स डिडक्ट करना जरूरी होता है। यह टैक्स डिडक्शन पेयर द्वारा किया जाता है और गवर्नमेंट को डिपॉज़िट किया जाता है। TDS सर्टिफिकेट यह प्रूफ देता है कि पेमेंट से पहले टैक्स डिडक्ट हो चुका है।