Movie prime

Wheat stock cut : जमाखोरी पर केंद्र सरकार हुई सख्त, गेहूं स्टाक की लिमिट को घटाया 

खुदरा दुकान की अधिकतम सीमा 10 मीट्रिक टन से घटाकर 8 मीट्रिक टन कर दी गई है
 
 

केंद्र सरकार ने जमाखोरी को रोकने के लिए स्टाक की लिमिट में संशोधन किया है। जहां पर लिमिट में कटौती की गई है। यह फैसला गेहूं के स्टाक पर लिया गया है। जहां पर अब पहले से कम गेहूं का स्टाक रख सकेंगे। अगर स्टाक ज्यादा मिलता है तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और गेहूं को जब्त कर लिया जाएगा। 

केंद्र सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक गेहूं की स्टॉक लिमिट में कटौती की है। संशोधित स्टॉक लिमिट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े रिटेल चेन और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लागू की गई है।

अब थोक व्यापारी अधिकतम 2,000 टन गेहूं स्टोर कर सकते हैं, पहले यह सीमा 3,000 टन थी। खुदरा विक्रेताओं की प्रत्येक खुदरा दुकान की अधिकतम सीमा 10 मीट्रिक टन से घटाकर 8 मीट्रिक टन कर दी गई है। वहीं, बड़ी रिटेल चेन अपनी हर यूनिट में 8 मीट्रिक टन तक स्टॉक रख सकते हैं जबकि पहले यह सीमा 10 मीट्रिक टन थी। प्रोसेसर अपनी मासिक क्षमता का 60 प्रतिशत  स्टॉक रख पाएंगे। पहलेयह सीमा 70 प्रतिशत  थी। सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल पर अपनी स्टॉक स्थिति घोषित करनी होगी।