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गेहूं भाव : समर्थन मूल्य 2585 का असर खुले बाजार पर, गेहूं 25 रु. महंगा

Wheat Price 
 

समर्थन मूल्य के गेहूं में 160 रुपए क्विंटल की वृद्धि का असर खुले बाजार में 25 रुपए की तेजी के रूप में होने लगा। सरकार ने गेहूं उपज 2026 के लिए एमएसपी 2585 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दी है, जबकि 2024 और 2025 में 2425 रुपए के भाव पर मध्यप्रदेश के बोनस 175 रुपए के साथ 2600 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदी की थी। इस घोषणा के असर से 2 दिन से बाजार में गेहूं महंगा हो रहा है और आटे में भी तेजी आएगी।

किंग भोग आटा के महेंद्र सिंघल ने बताया फिलहाल 920 रुपए प्रति 30 किलो के रेट चल रहे हैं। आगे गेहूं महंगा मिलेगा तो रेट भी बढ़ाना पड़ेंगे। इस समय खरीदारों की मांग आना शुरू हो चुकी है। दीपावली के पूर्व 25 से 30% खरीदी आटे में बढ़ने की स्थिति बन रही है। उज्जैन का लोकल आटा छोटी यूनिट में रोज ताजा तैयार होने से इसकी मांग बढ़ती जा रही है।

आटा अधिक दिन का नहीं होने से और देसी गेहूं का होने से ही यह आटा खूब बिकने लगा है। हालांकि कोरोना काल में 75% आटा ही बिकता रहा है। क्वालिटी कंट्रोल के चलते आटा आम लोगों की खास पसंद बन चुका है। हालांकि आटे का अधिक उपयोग होटल, ढाबों, विवाह समारोह वालों द्वारा किया जाता है

लेकिन अगर ताजा आटा देशी गेहूं का मिल रहा है तो घर-घर में इस आटे की पहुंच बढ़ चुकी है, जबकि ब्रांडेड आटा खासा महंगा होने से लोकल आटे की ओर खरीदारी बढ़ती जा रही है। उज्जैन मंडी में गेहूं का व्यापार बढ़ गया है। दीपावली पर्व को लेकर रवा, मैदा की मांग के आने के असर से देशी किस्म का अच्छी क्वालिटी का गेहूं महंगा हो रहा है। लंबे समय से बाहर की लाइन जाम चल रही थी। अब खुलने लगी है।


अवकाश के बाद शनिवार को मंडी खुलने पर तेजी का असर पता चलेगा। गेहूं ब्रोकरेज संजय खंडेलवाल के अनुसार दीपावली और इसके बाद विवाह का दौर आने से अब गेहूं आटा में एक तरफा खरीदी की स्थिति बनेगी। खेरची बाजार में भी गेहूं महंगा होने की खबर चल रही है। किसानों को भी भाव में लाभ मिला लेकिन खुले बाजार और कृषि उपज मौडयों में गत वर्ष 2400 रुपए के भाव पर गेहूं अधिक बिका। इधर, खड़ा गेहूं सालभर के खरीदने वालों को जरूर 200 रुपए दाम अधिक चुकाना पड़े। किसानों में समर्थन दाम का उत्साह देखा जा रहा है। सोयाबीन से निराश किसान तो गेहूं को साथ देने वाली फसल मान चुके हैं, जबकि सोयाबीन कर्जदार बना रहा है।