गेहूं की कीमतों पर लगाम कसने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, स्टॉक लिमिट के नियम किए सख्त
Wheat Prices: त्योहारी सीज़न से पहले गेहूं की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने और जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के भंडारण पर नई सीमा तय की है। यह संशोधित स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी।
नई व्यवस्था के तहत थोक विक्रेताओं को अब 3,000 टन की जगह केवल 2,000 टन गेहूं रखने की अनुमति होगी। खुदरा विक्रेता हर बिक्री केंद्र पर अधिकतम 8 टन गेहूं ही रख सकेंगे, जो पहले 10 टन था। बड़ी रिटेल चेन के लिए भी यही सीमा लागू होगी।
प्रोसेसिंग यूनिट्स अब अपनी मासिक स्थापित क्षमता के 70% की बजाय केवल 60% तक गेहूं का स्टॉक कर सकेंगी। इससे पहले, स्टॉक सीमा 12 जून 2023 को तय की गई थी, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया।सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित इकाइयों को अपने गेहूं स्टॉक की जानकारी एक सरकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी और हर शुक्रवार को इसे अपडेट करना अनिवार्य होगा। यदि किसी के पास तय सीमा से अधिक गेहूं पाया गया, तो अधिसूचना जारी होने के 15 दिन के भीतर अतिरिक्त स्टॉक को कम करना होगा।
स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का कहना है कि देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कल्याणकारी योजनाओं और बाजार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त गेहूं उपलब्ध है। फसल वर्ष 2024-25 में 11.75 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, और सरकार गेहूं की उपलब्धता व कीमतों पर करीबी नजर रख रही है।