Movie prime

अचानक यूपीआई ट्रांजैक्शन ठप हो जाए तो ट्रांजैक्शन के लिए हमें क्या करना चाहिए ,आईए जानते हैं कुछ और ट्रांजैक्शन के बारे में

अचानक यूपीआई ट्रांजैक्शन ठप हो जाए तो ट्रांजैक्शन के लिए हमें क्या करना चाहिए आईए जानते हैं कुछ और ट्रांजैक्शन के बारे में
 

 यदि आप यूपीआई से ट्रांजेक्शन करते हैं और आपकी जेब में पैसे नहीं होते तो आपको यूपीआई के अलावा अन्य ट्रांजेक्शन के तरीकों पर भी ध्यान देना चाहिए। लगातार यूपीआई ट्रांजेक्शन पर दबाव बढ़ रहा है, यदि यह किसी दिन फेल हो गया तो फिर आपको अपने रूटीन खर्चों का भुगतान करने में परेशानी आ सकती है। इसलिए ट्रांजेक्शन के अन्य तरीकों को भी आपको अपनाना चाहिए। जैसे कि जेब में पैसे भी रखने की आदत डालनी चाहिए। 


15 दिन में ही तीन बार यूपीआई सर्वर ठप
शनिवार 12 अप्रैल को यूपीआई सिस्टम क्रैश हो गया था। इसके कारण काफी लोगों को परेशानी हुई। सबसे बड़ी परेशानी रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों को हुई। इसके अलावा कैब का किराया चुकाने में परेशानी आई। पिछले 15 दिन में यूपीआई ट्रांजेक्शन तीन बार क्रैश हो चुका है। 26 मार्च, 2 अप्रैल तथा 13 अप्रैल को यूपीआई सर्विस डाउन रही। ऐसे में लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा तकनीकी दिक्कतों के कारण हुआ है। देश में यूपीआई से पेमेंट करने वालों की संख्या 35 करोड़ से ज्यादा है। 34 करोड़ से ज्यादा यूपीआई के क्यूआर कोड हैं। देश के 661 बैंक यूपीआई ट्रांजेक्शन करवाते हैं। भारत में प्रतिदिन 60 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन होते हैं। एक घंटे की बात करें तो यूपीआई से ढ़ाई करोड़ तथा हर मिनट 4 लाख 16 हजार 666 ट्रांजेक्शन होते हैं। 


प्रतिदिन बढ़ती जा रही यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या
यदि हम यूपीआई से ट्रांजेक्शन की बात करें तो यह प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसी साल की बात करें तो मार्च में कुल 1830 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए हैं। इन ट्रांजेक्शन के जरिये 24 लाख 77 हजार 221 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। अब तक यह सबसे ज्यादा एक साल में यूपीआई से ट्रांजेक्शन का रिकार्ड है। यदि हम मार्च 2020 की बात करें तो उस महीने में 2 लाख 6 हजार 462 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिये हुआ था। इस साल यह संख्या बढ़कर 24 लाख 77 हजार 221 करोड़ रुपये हो गई है। केवल 5 वर्षों की बात करें तो इसमें 1100 प्रतिशत का उछाल आया है। मार्च 2020 में 148 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन हुअए थे, जो इस साल मार्च में बढ़कर 1830 करोड़ हो गए। ऐसे में इस संख्या में भी 1136 प्रतिशत का उछाल रहा। 


जेब में पैसा रखने की भी डाले आदत
आजकल हर छोटे से लेकर बड़ी ट्रांजेक्शन जैसे पानीपुरी खाने से लेकर 5 सितारा होटल तक, सब्जी खरीदने से लेकर महंगे शॉपिंग माल सभी में यूपीआई से ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। इसी कारण जब-जब यूपीआई सर्वर डाउन हुआ तो लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिन लोगों के पास यूपीआई के अलावा ट्रांजेक्शन का कोई अन्य माध्यम उपलब्ध नहीं था, उनको तो बहुत ज्यादा परेशानी हुई। कई लोगों को अपने दोस्तों से पैसे मंगवाने पड़े। ऐसा भविष्य में नहीं हो, इसके लिए आपको जेब में पैसे रखने की भी आदत डालनी चाहिए। 


दूसरे देशों में भी भारतीय यूपीआई का हो रहा इस्तेमाल
हमारे देश का यूपीआई सिस्टम वैसे तो बहुत मजबूत है, लेकिन कई बार तकनीकी कारणों से या फिर सिस्टम को अपग्रेड करने के कारण ऐसी समस्या आ जाती है। भूटान, श्रीलंका, फ्रांस, सिंगापुर तथा दुबई समेत कई देश भारतीय यूपीआई का प्रयोग करते हैं। ऐसे में आपको प्रतिदिन बढ़ती यूपीआई की ट्रांजेक्शन को ध्यान में रखते हुए अपने पास नकद पैसे रखने की आदत डालनी शुरू कर देनी चाहिए।