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बैंक में एफडी करवाने वालों को झटका, आरबीआइ के फैसले के बाद कम मिलेगा ब्याज

 

आरबीआइ की ओर से रेपो रेट घटाने से बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरें घटने की आशंका है। वर्ष 2025 में फरवरी से रेपो रेट में कटौती होने के बाद से अब तक बैंक एफडी की दरों में 0.5 से 0.8 प्रतिशत तक की कटौती कर चुके हैं। अब रेपो रेट में और कटौती होने से एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरें और कम हो सकती है।

 बैंक बाजार से सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि रेपो दर में कटौती से एफडी पर ब्याज दरें तुरंत नहीं गिरेंगी, लेकिन यह निम्न दरों के दौर की शुरुआत हो सकती है। जो लोग सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहते हैं, उन्हें अब सोच-समझकर योजना बनानी होगी।

उच्च ब्याज दरों पर अभी एफडी करा लें। कुछ बैंक 0.5 प्रतिशत से 0.8 प्रतिशत  तक ब्याज दे रहे हैं। छोटे फाइनेंस बैंक अधिक रिटर्न दे रहे हैं, पर इनमें निवेश करने से पहले रिस्क और डिपॉजिट इंश्योरेंस का ध्यान रखें, जो 5 लाख रुपए ही है।

 एसबीआइ रिसर्च के मुताबिक, छोटी अवधि वाली एफडी यानी एक से 3 साल मैच्योरिटी वाली एफडी की दरें अधिक घटने की आशंका है। लंबी अवधि की एफड में दरें धीरे-धीरे घटेंगी, इसलिए उन्हें लॉक करना बेहतर है।

शॉर्ट डॺूरेशन फंड्स मुफीद
ग्रोथ इन्वेस्टिंग फाउंडर नरेंद्र सिंह ने कहा कि फिक्स्ड इनकम श्रेणी में शॉर्ट डॺूरेशन यानी कम अवधि वाले डेट फंड्स गिरती ब्याज दरों के माहौल में निवेश के लिए अच्छी स्थिति में दिखाई देते हैं। निवेशकों को अभी लंबी अवधि वाले बॉन्ड्स में निवेश से बचना चाहिए। निवेशकों को उच्च गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड पर ध्यान केंद्रित करने से स्थिर रिटर्न मिल सकता है।