आरबीआई देगा घर खरीदने वालों को सौगात, रीपो रेट में होगी कटौती!

ऊंची कीमतों के चलते मकानों की बिक्री घटने के बीच हाउसिंग मार्केट की नजर एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक पर टिक गई है। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने फरवरी मीटिंग में रीपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स कम किए थे। पिछले 5 वर्षों में यह पहली कटौती थी, जिससे रीपो रेट 6.25% हो गया। अब 7 से 9 अप्रैल तक आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुआई में एमपीसी की बैठक होने जा रही।
सेगमेंट में बिक्री अच्छी चल रही है, लेकिन अफोर्डेवल सेगमेंट को सपोर्ट की जरूरत है, लिहाजा एक और रेट कट हो तो घर खरीदने वालों का हौसला बढ़ेगा। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में एक करोड़ रुपये और इससे ऊपर के घरों की बिक्री सालभर पहले 16% बढ़ी। 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के घरों की विक्री 483% उछाल गई। दूसरी ओर, 50 लाख रुपये से कम दाम वाले घरों विक्री 9% घटकर 21000 घरों पर आ गई।
इंडिया के चेयरमैन ने कहा, कि इसके पीछे प्रीमियम सेगमेंट में खरीदारों की बढ़ती दिलचस्पी के साथ ऊंची कीमतों का भी हाथ है। एनसीआर और बेंगलुरु जैसे कुछ शहरों में कीमतें काफी बढ़ने से घरों की विक्री घटी है।
बड़े शहरों के रेट में हुई वृद्धि
सालभर में एनसीआर में भाव औसतन 12% बढ़कर 5370 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गए। मुंबई में 6% बढ़ोतरी से 8360 रुपये प्रति वर्ग फुट और कोलकाता में 9% बढ़कर 3947 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गए। घरों की बढ़ती कीमतों और जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर भारत में रेजिडेंशल मार्केट एक्टिविटी पर पड़ा है।
किस तरह बढ़ी कीमतें
एनारोंक ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक देश टॉप 7 शहरों में घरों के दाम 2024 की पहली तिमाही से लेकर 2025 की पहली तिमाही के बीच 10% से 34% तक बढ़ गए। इसके पीछे बड़ी वजह यह रही कि डिवेलपर्स ने अधिकतर घर लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी कैटिगरी में बनाए है। एनसीआर में घरों के दाम औसतन 34% बढ़े और देश के टॉप शहरों में सबसे अधिक बढ़ोतरी यहीं रही। इसके बाद बेंगलुरु में घरों के दाम में 20% की बढ़ोतरी हुई है।