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आरबीआई ने ज्यादा ब्याज कमाने पर लगाई लगाम, इस एफडी पर लगाई रोक

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ऐसे लोगों पर सख्ती की तैयारी कर रहा है, जो धन विदेश भेजकर वहां फिक्स्ड डिपॉजिट या ब्याज कमाने वाले खातों में निवेश कर रहे हैं। इसके लिए उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) में संशोधन किया जाएगा। इसी योजना के तहत लोग धन दूसरे देशों में भेजते हैं। संशोधन के बाद इसके तहत भेजे गए धन से विदेश में फिक्स्ड डिपॉजिट नहीं कराया जा सकेगा।

सूत्रों के मुताबिक जो लोग पढ़ाई, इलाज या निवेश के लिए पैसा भेजते हैं, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। सख्ती उन्हीं पर होगी, जो चुपचाप धन विदेश में जमा कर ब्याज कमाते हैं। 

सूत्रों ने बताया कि आरबीआइ ऐसी किसी भी खामी को दूर करना चाहता है, जिसके कारण अलग-अलग नामों या अप्रत्यक्ष मार्गों से धन विदेश में जमा किया जा सकता है। प्रस्तावित संशोधन विदेशी धन प्रेषण के लिए कानूनी ढांचे को सरल और मजबूत बनाने के प्रयास का हिस्सा है। आरबीआइ ने हाल ही अपनी सालाना रिपोर्ट में भी इस मुद्दे का प्राथमिकता से उल्लेख किया था।

एलआरएस स्कीम

कोई भी भारतीय नागरिक अभी एलआरएस के तहत पढ़ाई, इलाज, यात्रा या विदेशी शेयर/बॉन्ड में निवेश के लिए एक वित्तीय वर्ष में ल़ाख डॉलर (करीब 2.13 करोड़ रुपए) तक विदेश भेज सकता है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च में आम तौर पर धन विदेश भेजने में तेजी देखी जाती है, क्योंकि लोग वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले निवेश की योजना बनाते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीयों ने 30 अरब डॉलर बाहर भेजे।