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आईटीआर भरने में अब और ज्यादा होगी आसानी, फार्म-16 में किया बदलाव

 

वित्त वर्ष 2024-25 के तहत आईटीआर दा​खिल करने के लिए जिस फार्म-16 की जरूरत होती है, वह सीबीडीटी की तरफ से जारी कर दिया गया है। यह फार्म अब नए फॉर्मेट में मिलेगा। इस फार्म 16 में बदलाव किया गया है। इसके बाद आईटीआर भरने में काफी आसानी हो जाएगी। इसलिए जो लोग आयकर रिटर्न दा​खिल करना चाहते हैं, वह अब रिटर्न दा​खिल कर सकते हैं। 


देशभर के करोड़ों आयकर दाता आयकर रिटर्न दा​खिल करने के लिए योजना बना रहे हैं। यह लोग फार्म नंबर 16 का इंतजार कर रहे थे। अब इसे सीबीडीटी की तरफ से जारी कर दिया गया है। आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को जारी कर दिया गया है, लेक‍िन रिटर्न फाइल करने के सबसे अहम फॉर्म-16 का फॉर्मेट बदल दिया गया है। इससे आपको आयकर रिटर्न दा​खिल करने में काफी आसानी हो जाएगी। आयकर रिटर्न दा​खिल करने से पहले आपको फार्म 16 में हुए बदलाव को जानना जरूरी है। 


नए फाॅर्मेट में अ​धिक जानकारी
वित्तवर्ष 2024-25 के लिए जो फॉर्म 16 दिया गया है, उसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। यह नया फार्म पहले के मुकाबले ज्यादा साफ जानकारी देता है। इस फार्म में पहले केवल बेसिक जानकारी दी होती थी, लेकिन अब इसमें टैक्स फ्री भत्ते, कटौती और टैक्सेबल सेलरी की भी पूरी जानकारी मिलेगी। इससे आपको आयकर रिटर्न करना काफी आसान हो जाएगा। इससे पारद​र्शिता भी आएगी। 


किसे दिया जाता है फार्म-16
यह फार्म-16 कर्मचारियों को दिया जाता है। इसमें एम्प्लायर की तरफ से कर्मचारी की सेलरी और सोर्स पर टैक्स कटौती यानी टीडीएस की जानकारी दी होती है। यह आईटीआर फाइल करने में मदद करता है। इस फार्म में पता चलता है ​कि आपका टीडीएस काटकर कंपनी ने आयकर विभाग के पास जमा करवा दिया है। यदि आप टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो इसे रिफंड करवा सकते हैं। यदि आपने नौकरी बदली है तो हर एम्पलायर से फार्म-16 लेना जरूरी होता है। इस फार्म के दो ​हिस्से ए और बी होते हैं। फार्म-ए में एम्पलायर की तरफ से हर तिमाही काटे गए और जमा किए गए टैक्स की जानकारी होती है। इसमें कर्मचारी का नाम, पता, पैन नंबर, नियोक्ता का टैक्स डिडक्शन यानी टैन नंबर और पैन नंबर दर्ज होता है।

फार्म का यह हिस्सा कर्मचारी को अपनी सेलरी ​स्लिप में से काटे गए टैक्स की जांच करने में मदद करता है। फार्म-16 बी यानी दूसरे हिस्से में कर्मचारी की सैलरी और आयकर ​अ​धिनियम के तहत दी गई छूट की जानकारी होती है। इसमें सेक्शन-10 के तहत छूट, सेक्शन 80सी और 80डी के तहत कटौती शामिल होती हैं। जैसे एचआरए, लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, पीपीएफ आदि की जानकारी होती है। फार्म का यह हिस्सा भी आईटीआर दा​खिल करने में अहम भूमिका निभाता है या बहुत बड़ी मदद करता है।