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अब 10 साल के बच्चों का भी खुल सकेगा बैंक में अकाउंट, बच्चों को अकाउंट खुलवाने के लिए देखें किन दस्तावेज की आवश्यकता होगी

 

 भारतीय रिजर्व बैंक ने बच्चों को ध्यान में रखते हुए अब 10 साल की आयु में उनका बैंक खाता खोलने का फैसला लिया है। इससे बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी का अहसास होगा तथा उनको बैंकिंग का बुनियादी ज्ञान भी होगा। अब 10 साल और उससे अधिक आयु के बच्चे बिना अभिभावक अपना बैंक खाता खोल सकते हैं और उसे चला भी सकते हैं। इससे पहले बच्चे केवल गुल्लक में पैसे इकट्ठे करते थे। अब तक दस साल के बच्चे बैंक खाते, सेविंग खाता, एफडी जैसे वित्तीय टर्म्स से परिचित नहीं थे, जो अब हो जाएंगे। इस फैसले से बच्चों की बैंकिंग की दुनिया में एंट्री होगी और उनकी ​स्थिति भी मजबूत हो जाएगी। बच्चों को छोटी सी आयु में ही पैसे को मैनेज करना आ जाएगा। 


अब से पहले यदि किसी बच्चे का बैंक खाता खोलना होता था तो उसके परिवार के किसी बड़े व्य​क्ति की जरूरत होती थी। अब ऐसा नहीं होगा। बच्चे अपने माता-पिता या किसी भी अ​भिभावक के बिना अपना खुद का बैंक खाता खोल सकेंगे। इसके अलावा इसे ऑपरेट भी कर सकेंगे। इसके लिए हर बैंक नियमों के अनुसार बच्चों का खाता खोल सकेगा।

बच्चों के बैंक खातों व लेनदेन पर हर प्रकार से नजर रखी जाएगी। आरबीआई का यह नया नियम 1 जुलाई 2025 से लागू हो जाएगा। ऐसे में बैंकों को अपनी पॉलिसी के नियम भी बदलने होंगे और यह तय करना होगा कि बच्चों का खाता कैसे खोला जाए, यह कैसे चलेगा और इसे कैसे सुर​क्षित रखा जा सकता है।

वित्तीय एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि इस नए फैसले से बच्चे छोटी सी आयु में ही पैसे और बैंकिंग की समझ सीख जाएंगे। जब बच्चे खुद अपना बैंक खाता चलाएंगे तो उनको बचत करना, पैसा संभालना, सोच-समझकर खर्च करना आदि की जानकारी हो जाएगी। इससे बच्चों की वित्तीय साक्षरता बढ़ेगी और वह मजबूत ​स्थिति में हो जाएंगे।

उनको पता चलेगा कि पैसे कैसे कमाया जा सकता है और इसका कितना इस्तेमाल करना चाहिए। भविष्य में वह इसके प्रति ज्यादा जिम्मेदार बन सकेंगे। यह बदलाव बच्चों को केवल बैंक से जोड़ने का नहीं है, ब​ल्कि उनको आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक बड़ा गदम होगा। 


करवाना होगा केवाईसी
जब बच्चों का बैंक में खाता खुला जाएगा तो उनको केवाईसी करवाना होगा। इससे बैंकों को अपने ग्राहक की पूरी पहचान की जांच करनी होगी। इससे ही खाता सुर​क्षित और सही तरीके से खोला जा सकता है। 


18 साल के बाद बदले जाएंगे हस्ताक्षर
किसी भी बच्चे ने 10 साल की आयु में बैंक में खाता खोल लिया है तो उसके हस्ताक्षर कुछ अलग होंगे। जब वह 18 साल का हो जाएगा तो बैंक उससे नए हस्ताक्षर की मांग करेगा। यदि बच्चा चाहेगा तो अपने हस्ताक्षर बदल सकता है। इससे यह पक्का हो जाएगा कि बच्चे का खाता पूरी तरह से सुर​क्षित और पारदर्शी है। इसके लिए बैंकों को अभी से तैयारी करने को कह दिया है ताकि बच्चों के खातों पर पूरी तरह से नजर रखी जा सके और उनको सुर​क्षित रखा जा सके। 


पैसा जमा व निकालने की नहीं सीमा
जब बच्चों का बैंक में खाता खुल जाएगा तो वह अपनी मर्जी से या बैंक की पॉलिसी के अनुसार ही पैसा जमा करवा सकेंगे और निकाल भी सकेंगे। पैसा निकालने के लिए हर बैंक की अपनी अलग पॉलिसी है। इसलिए बच्चों को इसी पॉलिसी के नियमों के अनुसार पैसा अपने खाते से निकालना होगा। बैंक खुद भी तय करेगा कि बच्चों को कितनी रा​शि तक का लेन-देन करने का अ​धिकार दिया जाएा। बैंक खुद बच्चों की आयु, समझ और जिम्मेदारी को देखकर यह निर्णय लेंगे। धीरे-धीरे यह लिमिट बढ़ाई भी जा सकती है।