तेल मिलों में मांग बढने से सरसों दामों में तेजी, दैनिक आवकों में कमी
तेल मिलों की खरीद बनी रहने के कारण मंगलवार को घरेलू बाजार में लगातार दूसरे दिन सरसों की कीमतों में सुधार आया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 6,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 5 लाख बोरियों की ही हुई।
कुछेक ब्रांडेड तेल मिलों ने शाम के सत्र में सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में शाम के सत्र में डेढ़ फीसदी से ज्यादा की गिरावट, इस दौरान शिकागो में सोया तेल की कीमतों में हल्का सुधार आया।
व्यापारियों के अनुसार लगातार उत्पादन में वृद्धि के कारण, स्टॉक में हुई बढ़ोतरी से मलेशियाई पाम तेल वायदा में बड़ी गिरावट आई। हालांकि मई के निर्यात आंकड़ों के अपेक्षा से बेहतर रहने और जून की शुरुआत में शिपमेंट में वृद्धि के बावजूद भी कीमतों में मंदा आया। इसलिए विश्व बाजार में अभी खाद्य तेलों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों तेल की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा।
उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों में कमी दर्ज की गई। हालांकि उत्पादक राज्यों में सरaसों का बकाया स्टॉक किसानों एवं व्यापारियों के पास अच्छी मात्रा में बचा हुआ है, इसलिए इसकी दैनिक आवक अभी बनी रहने का अनुमान है।
खपत का सीजन होने के कारण घरेलू बाजार में सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अगस्त 2025 के क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा अनुबंध में 61 रिगिंट यानी की 1.56 फीसदी की गिरावट आकर दाम 3,864 रिगिंट प्रति टन पर बंद हुए। इस दौरान शिकागो में सोया तेल के अगस्त वायदा अनुबंध के भाव में 0.08 फीसदी की तेजी आई।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मई में पाम तेल का भंडार महीने मासिक आधार पर 6.65 फीसदी बढ़कर 1.99 मिलियन टन हो गया, जोकि 2.01 मिलियन टन के पूर्वानुमान से थोड़ा कम है।
हालांकि यह पिछले साल सितंबर के बाद से सबसे अधिक है। क्रूड पाम तेल का उत्पादन 5.05 फीसदी बढ़कर 1.77 मिलियन टन हो गया, जो कि 1.74 मिलियन टन की उम्मीद से अधिक है, जबकि निर्यात 25.6 फीसदी बढ़कर 1.39 मिलियन टन हो गया, जो कि 1.3 मिलियन टन के अनुमान से ज्यादा है।
टोंक में कच्ची घानी सरसों तेल के दाम तेज होकर 1,441 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि भरतपुर मंडी में कच्ची घानी सरसों तेल के भाव कमजोर होकर 1,420 से 1,421 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। कोलकाता में कच्ची घानी सरसों तेल के दाम घटकर 1,460 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 5 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कार्यदिवस में आवक 5.25 लाख बोरियों की हुई थी।