मगज तरबूज अब छोटे व्यापारियों के हाथ से निकला, भाव में तेजी
मगज तरबूज का पिछले 10 दिनों में छोटे व्यापारियों के माल औने-पौने भाव में कट चुके हैं तथा सूडान से भी आयात प्रतिबंध अभी आगे लगे रहने की संभावना है, इस वजह से बाजार 50 रुपए बढ़ गया है तथा आगे इसमें 100 रुपए और बढ़ जाने की संभावना है।
मगज तरबूज की घरेलू फसल निकट में कोई आने वाली नहीं है। दूसरी ओर इसका आयात भी बंद है तथा निकट में खुलना सरकार के हाथ में है। मगज तरबूज अब छोटे व्यापारियों के हाथ से निकल चुका है। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाल ही में यहां की अपेक्षा ऊंचे भाव चल रहे हैं।
बाजार में चर्चा है कि सूडान से आयात पर जो प्रतिबंध लगा है, अभी तक आयात खोलने संबंधित नोटिफिकेशन नहीं आया है। इस वजह से देसी विदेशी स्टॉक के पड़े मालों की लिवाली बढ गई है। उधर राजस्थान की मंडियों में भी और
घटाकर बिकवाल नहीं हैं।
व्यापारियों का कहना है कि जो सौदे बिके थे, उसकी डिलीवरी सट्टे में भी हो चुकी है तथा ज्यादा माल डिलीवरी हेतु चौतरफा माल का प्रेशर बन गया था तथा मई की मिति कट चुकी है। आगे भी सटोरिये काफी मगज तरबूज बेच चुके हैं, जिस कारण नीचे में जो पिछले सप्ताह 425 रुपए प्रति किलो बिका था, उसके भाव 575 रुपए हो गए हैं। गौरतलब है कि मगज तरबूज पर सटोरियों मोनोपोली है तथा बाजार सट्टे के आधार पर चल रहा है।
मई के बिके हुए मालों की डिलीवरी हेतु माल मंदे भाव में सब कट चुके हैं। दूसरी ओर आयात खुलने की खबर नहीं मिल रही है। नीमच हाथरस लाइन से पड़ते नहीं हैं, क्योंकि वहीं पर बिहार बंगाल एवं साउथ की मांग निकलने लगी है, काजू के भाव ऊंचे होने से मगज तरबूज में हलवाइयों की भी मांग अच्छी है, इन परिस्थितियों को देखते हुए मगज तरबूज, यदि आयत नहीं खुला तो 700 रुपए प्रति किलो बिक सकता है।
इस बार बाजार काफी नीचे आ चुके हैं तथा निकट में कोई और माल बंदरगाहों पर लगने वाला नहीं है। तरबूज का बीज जो आयातकों ने मंगाया था, वह लगभग सारा प्रोसैस्ड हो चुका है। अतः इन भावों में मगज तरबूज के व्यापार में अब रिस्क नहीं है। आने वाला माल पीछे से 500 से ऊपर के पड़ते में मिल रहा है।