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बढ़ती जरूरतों के बाद भी भारत का कर्ज़ नहीं बेकाबू: SBI का दावा

 

SBI Updates: भारत की बढ़ती आर्थिक जरूरतों के बावजूद देश का कर्ज़ (उधारी) अच्छी तरह से नियंत्रण में है। एसबीआई की रिपोर्ट बताती है कि सरकार एफआरबीएम (फिस्कल रूल्स एंड बजट मैनेजमेंट) कानून के तहत अपने खर्च और कर्ज को संभालते हुए उसे सही ढंग से मैनेज कर रही है।रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार को कुल 14.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ लेने का अनुमान है, जिसमें से 11.5 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी होगी।

अभी तक इस साल सरकार ने कुल 3.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया है, जिसमें से 2.4 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी है।
पिछले साल (वित्त वर्ष 2024-25) सरकार ने 14 लाख करोड़ रुपये का कुल कर्ज़ लिया था और उसकी शुद्ध उधारी 10.7 लाख करोड़ रुपये थी। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े भी दिखाते हैं कि कुल कर्ज़ जरूरत के हिसाब से ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन शुद्ध उधारी को नियंत्रण में रखा गया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले दस सालों में सरकारी कर्ज लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह 41.6 लाख करोड़ रुपये था, जो अब वित्त वर्ष 2025-26 में बढ़कर 114.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। एफआरबीएम नियमों के अनुसार, साल 2024-25 में कर्ज का अनुपात जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के मुकाबले लगभग 57.1% था, जो वित्त वर्ष 2025-26 में घटकर 56.1% होने का अनुमान है।