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भारत बनेगा ग्लोबल विंड एनर्जी हब, ऊर्जा मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

 

Wind Energy India: सौर ऊर्जा में अपनी मजबूती के बाद अब भारत पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान बनाने जा रहा है। केंद्र सरकार की योजना के अनुसार, भारत वर्ष 2030 तक पवन ऊर्जा सप्लाई चेन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगा। यह लक्ष्य ऊर्जा मंत्रालय के नवीनतम संदेश और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल की रिपोर्ट पर आधारित है।

पिछले कुछ वर्षों में पवन ऊर्जा उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत की पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 52,200 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, जो पिछली तुलना में 154 प्रतिशत अधिक है। यह विकास भारत के पर्यावरणीय लक्ष्य, खासकर वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

सरकार ने ऑफशोर पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी 6,835 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की है, जिससे क्षेत्र में निवेश और उत्पादन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। पवन ऊर्जा से न केवल हर समय सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध होगी, बल्कि यह रोजगार सृजन में भी मददगार साबित होगी। ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, केवल आठ हजार मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण से लगभग 1.16 लाख नए रोजगार पैदा हो सकते हैं।

इसके साथ ही, पवन ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर भारत अपने शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। यह ऊर्जा स्रोत विशेषकर तब महत्वपूर्ण होगा जब सौर ऊर्जा उत्पादन बंद हो, तब पवन ऊर्जा निरंतर बिजली उपलब्ध कराएगी।