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दो लाख से ज्यादा नकद लेनदेन किया तो फंस जाओगे मुसीबत में, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

दो लाख से ज्यादा नकद लेनदेन किया तो फंस जाओगे मुसीबत में, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
 

सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को एक अहम फैसले में निर्देश दिए कि यदि किसी भी मुकदमे में दो लाख रुपए या उससे अधिक के नकद भुगतान का दावा किया गया है तो संबंधित सिविल अदालत को स्थानीय आयकर विभाग को लेनदेन की जांच करने के लिए सूचित करना होगा।सा

थ ही किसी संपत्ति की रजिस्ट्री के दौरान दो लाख रुपए से अधिक नकदी भुगतान का मामला सामने आता है तो सब-रजिस्ट्रार को भी आयकर विभाग को सूचित करना होगा।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर.महादेवन की बेंच ने कर्नाटक में एक ट्रस्ट से संबंधित मामले में फैसला देते हुए यह निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि आयकर कानून की धारा 269एसटी में दो लाख रुपए से अधिक के लेनदेन को डिजिटल बनाकर काले धन पर अंकुश लगाने के लिए इसके उल्लंघन के मामले में जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसकी पुष्टि के लिए आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।

सब रजिस्ट्रार को भी बताना होगा

1. जब भी न्यायालय या अन्य माध्यम से ऐसी कोई सूचना प्राप्त होती है तो संबंधित आयकर प्राधिकारी जरूरी कदम उठाएंगे।

2. रजिस्ट्री के लिए पेश दस्तावेज में किसी अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए नकद में दो लाख रुपए और उससे अधिक की राशि का भुगतान करने का दावा किया जाता है, तो सब-रजिस्ट्रार को संबंधित आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी होगी। आयकर प्राधिकारी कार्रवाई से पहले कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करेगा।

3. किसी आयकर प्राधिकरण को सब-रजिस्ट्रार के अलावा किसी अन्य स्रोत से या तलाशी या मूल्यांकन कार्यवाही के दौरान पता चलता है कि अचल संपत्ति के सौदे में दो लाख रुपए या उससे ज्यादा का नकद भुगतान किया गया है, तो संबंधित रजिस्ट्री प्राधिकारी की विफलता को राज्य के मुख्य सचिव के ध्यान में लाया जाएगा। इससे सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सके।