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खाने के तेल की कीमतों पर सरकार ने घटाया आयात शुल्क

 

Edible Oil Price: केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों में आई महंगाई से राहत देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। केंद्र ने क्रूड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को घटाकर आधा कर दिया है। इससे पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल जैसे खाने के तेलों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

सरकार ने क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इसके अलावा, कृषि अवसंरचना सेस (AIDC) और सोशल वेलफेयर सरचार्ज को मिलाकर कुल प्रभावी आयात शुल्क अब 16.5% हो गया है, जो पहले 27.5% था।

अब कितना लगेगा टैक्स
इससे पहले सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया था। इस नई कटौती के बाद, इन तीनों तेलों पर कुल इंपोर्ट ड्यूटी 27.5 फीसदी से घटकर 16.5 फीसदी हो जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन पर भारत का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस और सोशल वेलफेयर सरचार्ज भी लगता है।

इंडस्‍ट्री ने किया स्‍वागत 
नए फैसले के तहत रिफाइंड ऑयल पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स 32.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है। वर्तमान में रिफाइंड ऑयल पर प्रभावी शुल्क 35.75 फीसदी है। उद्योग संगठन एसईए और भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने इस फैसले का स्वागत किया है।

वे घरेलू प्रोसेसर्स की सुरक्षा के लिए कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच टैक्‍स अंतर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। देर रात जारी बयान में एसईए के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने कहा, 'कच्चे और रिफाइंड ऑयल के बीच शुल्क अंतर को 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 19.25 प्रतिशत करने का सरकार का फैसला एक साहसिक और समय पर उठाया गया कदम है। 

कहां-कहां से आयात होता तेल 
उनका कहना था कि यह रिफाइंड पामोलिन के आयात को हतोत्साहित करेगा और मांग को वापस कच्चे पाम ऑयल की तरफ लेकर जाएगा जिससे घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र में नई जान आएगी। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल पर टैक्‍स में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी जिससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा। 

मेहता ने बताया कि रिफाइंड पाम ऑयल का आयात हाल ही में बढ़ा है क्योंकि यह कच्चे पाम ऑयल से सस्ता है. भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम ऑयल आयात करता है। सोयाबीन तेल ब्राजील और अर्जेंटीना से आता है।