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सोना रिकॉर्ड स्तर पर बरकरार, सोना ,चांदी और शेयर ने हाल के वर्षों में निवेशको को जोरदार रिटर्न दिया, देखें आज सोने का भाव

 

वाशिंगटन में राजनीतिक उथल-पुथल और अमेरिकी सरकार के शटडाउन के खतरे के बीच इस हफ्ते सोना नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। सीनेट में रिपब्लिकन समर्थित खर्च विधेयक पास नहीं हो पाया, जिससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई। इसका असर यह हुआ कि निवेशकों ने सोने और अन्य कीमती धातुओं में पैसा लगाना शुरू कर दिया। पिछले साल के अंत से सोने में लगातार तेजी देखी जा रही है।

बीच में अप्रैल से अगस्त के बीच थोड़ी गिरावट जरूर आई, लेकिन अब फिर इसमें जबरदस्त उछाल लौटा है। अलामोस गोल्ड के सीईओ जॉन मैकक्लस्की का कहना है कि उनकी कंपनी ने कई साल पहले से इस दौर की तैयारी कर ली थी। 2015 से 2017 के बीच किए गए अधिग्रहण से कंपनी ने कम लागत पर बड़ा सोने का भंडार तैयार किया। उनका मानना है कि मौजूदा तेजी अभी बस शुरुआत है और अगले साल सोने की कीमत 3,800 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकती है। स्थानीय बाजार में दशहरे के उपलक्ष्य में अवकाश रहा। 
सोना केडबरी 120900 
एक दिन पूर्व 120900 आरटीजीएस 120500 
सोना 22 कैरेट 109000
 चांदी चौरसा 150000 एक दिन पूर्व 149000 रुपए।

 उज्जैन सराफा : सोना 24 कैरेट 121300 

सोना 22 कैरेट 111200 चांदी 1,50,500 रुपए प्रति किलो ग्राम भाव रहे।

 रतलाम सराफा: सोना 121100 जेवरात 110928 चांदी 149300 रुपए।

सोना, चांदी और शेयर (इक्विटी) ने हाल के वर्षों में निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है। लेकिन निवेश से कमाई की तुलना करें तो सोना हर मामले में चांदी और शेयर बाजार यानी सेंसेक्स से बेहतर नजर आएगा। 20 साल में सोने का रिटर्न सेंसेक्स से दोगुना और चांदी से डेढ़ गुना रहा है। इस बीच सोने का टोटल रिटर्न 1,436%, चांदी का 993% और सेंसेक्स का 762% रहा। रिटर्न के आंकड़े बताते हैं कि जिन्होंने 5 या 10 साल के लिए निवेश किया, उन्हें भी सोना-चांदी ने शेयर बाजार से ज्यादा कमाई कराई।

केडिया एडवाइजरी, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजे) और बीएसई के 20 साल के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया। नतीजे दिलचस्प रहे। इस दौरान गोल्ड ने हर साल चांदी और सेंसेक्स से ज्यादा कमाई कराई। चांदी भी सेंसेक्स से बेहतर एसेट क्लास साबित हुई।

 बीते 5 साल, 10 साल और 20 वर्ष में कम्पाउंडेड रेट से सोने का सालाना रिटर्न (सीएजीआर) चांदी और सेंसेक्स से ज्यादा क्रमशः 16%, 17% और 14% रहा।

 दूसरी तरफ, सेंसेक्स किसी भी अवधि में 13% तक भी नहीं पहुंचा। हालांकि यह परंपरागत निवेश साधन से अधिक है।