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40 प्रतिशत घट जाएंगे गोल्ड के रेट, अमेरिकी रिपोर्ट से गोल्ड निवेशकों में सनसनी

Gold rate will decrease by 40 percent, US report sensation in gold investors
 

सोने के लगातार बढ़ रहे रेटों के बीच में अमेरिकी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट ने निवेशकों में सनसनी फैला दी है। हालांकि निवेशक सोने के रेट बढने का अनुमान जता रहे हैं, लेकिन अमेरिकी फर्म ने दावा किया है आने वाले समय में सोने के रेटों में 40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। 


विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के समय से चीन, रूस, तुर्किए और भारत के केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड की बड़ी खरीदारी इसलिए की क्योंकि डॉलर में कमजोरी की बात की जा रही थी। गोल्ड पर वेयरिश तभी हुआ जा सकता है, जब बिकवाली बढे।
अमेरिकी एनालिस्ट जॉन मिल्स की एक रिपोर्ट के चलते गोल्ड को लेकर सनसनी मच गई है। ऐसा इसलिए कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1820 डॉलर प्रति औंस पर आ सकता है। गोल्ड अभी 3038 डॉलर प्रति औंस पर है। यानी करीव 40 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। ऐसा हुआ तो भारत में गोल्ड 55000-56000 प्रति 10 ग्राम पर आ सकता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में ऐसी गिरावट की कोई सूरत नहीं बन रही है। 

अमेरिकी मिल्स की रिपोर्ट के अनुसार अगले 4-5 साल में गोल्ड 1820 डॉलर प्रति औंस के करीब जा सकता है। उन्होंने कहा है, 'फ्यूचर कर्व के आधार पर हमारा अनुमान है कि 2025 से 2027 के वीच गोल्ड का ऐवरेज प्राइस 3170 डॉलर प्रति औंस रहेगा, जिसका पहले 2810डॉलर का अनुमान था।

हमने साल 2029 से अपने मिड-साइकल गोल्ड प्राइस का अनुमान बढ़ाकर 1820 डॉलर से 2000 डॉलर कर दिया है।'

सक्षम वेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर समीर रस्तोगी ने कहा कि मिल्स जो कह रहे हैं, वह फ्यूचर्स मार्केट में बन रहे कॉन्ट्रैक्ट्स के आधार पर कह रहे हैं। यानी अभी उनमें 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट तो 3000-3100 डॉलर के आसपास बन रहा है और उसके बाद के कॉन्ट्रैक्ट्स कम प्राइस पर आ रहे हैं। लेकिन यह स्पेक्युलेशन है। सालभर बाद हालात कुछ और हो सकते


बैंक ऑफ अमेरिका ने इस साल के लिए 3063 डॉलर और अगले साल के लिए 3350 डॉलर प्रति औंस का अनुमान दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान 3100 डॉलर से बढ़ाकर 3500 डॉलर प्रति औंस कर दिया है। वहीं, एलजपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने कहा कि मार्केट ने ट्रंप के टैरिफ अनाउंसमेंट को पहले ही प्राइस-इन कर लिया था, लिहाजा हाल में हुई प्रॉफिटबुकिंग स्वाभाविक है। कॉमेक्स गोल्ड के लिए 3120-3130 डॉलर पर स्ट्रॉन्ग रेजिस्टेंस और 3050 डॉलर के करीब मजबूत सपोर्ट दिख रहा है।

मिल्स ने क्या वजहें गिनाई
 पिछले सालभर में करीब 35 प्रतिशत चढ़ने वाले गोल्ड को वैश्विक अनिश्चितता और इंफ्लेशन से जुड़ी चिंताओं के चलते सपोर्ट मिला है। हालांकि मिल्स के मुताबिक, डिमांड के चलते दुनियाभर में गोल्ड प्रोडक्शन नौ बढा गया है क्योंकि माइनर्स को ज्यादा मुनाफा हो रहा है। केंद्रीय बैंकों ने पिछले साल 1045 टन गोल्ड खरीदा है और अब वे खरीदारी घटा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ने के साथ कीमतों पर प्रेशर आ रहा है। लिहाजा गिरावट आ सकती है।