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भारत-पाक विवाद के समय सोने में आई 4350 रुपये की गिरावट

 

जब से भारत-पाक के बीच पहलगाम हमले के बाद ​तनाव बढ़ा है, तभी से सोने की कीमतों में कुछ कमी आई है। इससे पहले सोने की कीमत लगातार बढ़ रही थी। 22 अप्रैल को तो सोने ने एक लाख को पार कर लिया था। भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पहले 6 मई तक सोने की कीमत सर्राफा बाजार में 96 हजार 888 रुपये थी। जैसे ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा तो सोने की कीमत गिरने लगी। इस विवाद के 6 दिन में ही सोने का भाव 4350 रुपये कम हो गया। वैसे यह बात हैरान करने वाली है, लेकिन वैसे आम रुटीन की बात करें तो युद्ध के समय सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होती है। 


इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 76 हजार 160 रुपये थे, जो उस समय सबसे हाई कीमत थी। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष शुरू होने से पहले 22 अप्रैल को सोने ने एक लाख का आंकड़ा पार कर लिया था। 6 मई को सोने का भाव 96 हजार 888 रुपये तक पहुंच गया था। 8 मई रात को भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल से हमला किया। इसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने मिटा दिए गए। इसके बाद दोनों देशों युद्ध के हालात पैदा हो गए। 10 मई तक भारत-पाक के बीच ड्रोन्स और मिसाइल अटैक होते रहे। इस दौरान सोने की कीमत गिरने लगी। 7 मई को सोने का भाव 97 हजार 426 रुपये था, जो 12 मई को 93 हजार 76 रुपये पर आ गया। 10 और 11 मई को बाजार बंद रहा, जब​ 13 मई को बाजार खुला तो सोने की कीमत में 1268 रुपये की बढ़ोतरी हुई। 


युद्ध के हालात के बीच में कैसे कम हुआ सोना
जिस समय भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन और मिसाइल हमले किए जा रहे थे, उस समय अमेरिका और चीन ने 90 दिन के लिए टैरिफ कम कर दिए। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया तो चीन ने भी टैरिफ लगा दिया। 10 मई को दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ कम कर दिया। इससे सोने के दाम गिर गए। इसी कारण अमेरिकी डॉलर को मजबूती मिली 12 मई को डॉलर इंडेक्स करीब 1 प्रतिशत बढ़कर 101.5 पॉइंट्स पर पहुंच गया, जो 10 अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। इससे सोने की कीमत कम हो गई। वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी ब्रेक लग गए, ऐसे में भी सोने की कीमतों में कमी आई। 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया ततो इससे भी सोने के दाम कुछ और कम हो गए। 


जंग के दौरान शेयर बाजार गिरने से बढ़ते हैं सोने के दाम
आमतौर पर जब देशों के बीच जंग होती है तो उनके शेयर बाजार गिरने लगते हैं। इससे भी सोने के दाम बढ़ते हैं। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के पहले ही दिन मॉस्को एक्सचेंज 10 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया था। कुछ कंपनियों के शेयर को 30 प्रतिशत तक गिर गए थे। वहीं इजराइल और हमास की जंग के दौरान इजराइल का शेयर मार्केट भी 7 प्रतिशत तक गिर गया था। जंग के दौरान निवेशक शेयर बेचकर सोने में अपना निवेश बढ़ाते हैं, इस कारण सोने के दामों में बढ़ोतरी होती है। वहीं प्रोपर्टी मार्केट में भी गिरावट आ जाती है। प्रोपर्टी में निवेश करने वाले लोग यहां से पैसे निकालकर सोने में निवेश करते हैं, ऐसे में सोने के भाव बढ़ते हैं।