चौथी तिमाही में जीडीपी में हुई 7.4% की तेज उछाल
GDP Data: पूरा सालाना आंकड़ा देखें तो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जो कि दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार भी 6.5% ही है। यह पिछले चार वर्षों में सबसे कम वृद्धि दर है। ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, चौथी तिमाही में GDP में 6.8% की वृद्धि होने का अनुमान था। वहीं, सकल मूल्य वर्धन (GVA) की वृद्धि दर 6.4% आंकी गई।
विकसित देशों से आगे है भारत
जीडीपी डेटा पर कमेंट करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, ग्रोथ रेट के डेटा से स्पष्ट है कि भारत दुनिया के कई देशों से तेज गति से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि, निजी खपत में लगातार तेजी आ रही है। CEA ने कहा, सर्विसेज सेक्टर ने जीडीपी में 55 फीसदी का योगदान दिया है। उन्होंने कहा, हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि यह भी प्रोविजनल डेटा है।
जीडीपी के आंकड़ों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि 6.5% ग्रोथ उम्मीद के मुताबिक है। भारत की इकोनॉमी अब 3.9 लाख करोड़ डॉलर की हो गई है। कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से ग्रामीण मांग बढ़ी है। इसलिए खपत की ग्रोथ दर जीडीपी दर से ज्यादा है।
हमारा अनुमान है कि सामान्य मानसून, ब्याज दरों में कटौती और मध्य वर्ग के लिए इनकम टैक्स में कटौती के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में भी खपत दर अच्छी रहेगी। हालांकि अनिश्चितता की वजह से निवेश मांग धीमी रहने के आसार हैं। वर्ष 2025-26 में भी जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहने की उम्मीद है।
एक साल में कितनी आई कमी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में धीमी पड़कर 7.4 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.4 प्रतिशत थी। वहीं जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में धीमी होकर 6.5 प्रतिशत रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 9.2 प्रतिशत थी।
विकसित भारत के लक्ष्य के लिए 8% की जरूरत
विश्व बैंक ने फरवरी में कहा था कि यदि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना चाहता है तो उसे अगले 22 वर्षों तक औसतन 7.8% की वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में भी यह सुझाव दिया गया कि ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने के लिए भारत को लगातार एक दशक या उससे अधिक समय तक 8% की दर से बढ़ना होगा।