Ethanol मिश्रण कार्यक्रम से किसानों को मिली आर्थिक मजबूती
Ethanol Blending Program: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के उल्लेखनीय प्रभावों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम कर रहा है, बल्कि देश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक वरदान भी साबित हुआ है।
भारत में इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में एक प्रमुख पहल के रूप में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य वैकल्पिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना, विदेशी मुद्रा बचाना और सबसे महत्वपूर्ण, किसानों की आय को बढ़ाना था। यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ है।
पिछले 11 वर्षों में, इस कार्यक्रम के तहत किसानों को ₹1.18 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है। यह राशि सीधे किसानों की जेब में गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल रहा है। गन्ने और मक्का जैसी फसलों से इथेनॉल का उत्पादन होता है, जिससे किसानों को इन फसलों की खेती के लिए एक अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलता है। यह उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए एक स्थिर और विश्वसनीय बाजार भी प्रदान करता है, जिससे उनकी आय में अनिश्चितता कम होती है।
आर्थिक लाभों के साथ-साथ, इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम ने देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत किया है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने बताया कि इस पहल से कच्चे तेल के आयात में ₹1.36 लाख करोड़ की बचत हुई है, जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। यह देश को वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करता है और हमारी अर्थव्यवस्था को अधिक स्थिर बनाता है।
पर्यावरण के मोर्चे पर भी इस कार्यक्रम ने सराहनीय परिणाम दिखाए हैं। इथेनॉल ने अब तक लगभग 232 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल की जगह ली है, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में लगभग 698 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो भारत को अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर रही है और एक स्वच्छ व हरित भविष्य की ओर ले जा रही है।
संक्षेप में, इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम भारत के लिए एक बहुआयामी सफलता की कहानी है। यह किसानों को सशक्त बना रहा है, विदेशी मुद्रा बचा रहा है और पर्यावरण की रक्षा कर रहा है। यह 'न्यू इंडिया' के विकास में एक प्रमुख चालक के रूप में उभर रहा है, जैसा कि केंद्रीय मंत्री पुरी ने रेखांकित किया है।यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।