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Dollar VS Rupee : डालर के मुकाबले रुपये की आई रिपोर्ट, इतनी गिरावट की जताई आशंका 

 

अमेरिका के टैरिफ के बाद से भारतीय रुपये में दबाव बना हुआ है। जहां पर रुपये में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसी बीच में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट आई है और इसमें रुपये में ओर गिरावट की आशंका जताई जा रही है। इसके पीछे टैरिफ के बाद रुपये में अमेरिका के निवेशकों द्वारा दूरी बनाने माना जा रहा है। यह रिपोर्ट बैंक आफ बड़ौदा की तरफ से जारी की गई है।

बैंक की तरफ से जारी रिसर्ज के अनुसार रुपया 88.5 तक गिरावट आ सकती है, लेकिन भारत की मजबूत अर्थ व्यवस्था रुपये की गिरावट को जल्द ही संभाल लेने की उम्मीद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि निकट भविष्य में 87.5- 88.5 प्रति अमेरिकी डॉलर के दायरे का अनुमान है। इसमें अनुमान जताया गया है कि शॉर्ट टर्म में रुपये में कमजोर आ सकती है। हालांकि लॉन्ग टर्म में रुपये का स्थिति बेहतर रहने वाली है। 

अगस्त माह में रुपया निचले स्तर तक पहुंचा

अगस्त माह रुपये के लिए भारी रहा। जहां पर ट्रंप के टैरिफ के बाद रुपये में गिरावट दर्ज की गई। भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। यह पहली बार 88 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। वीरवार को भारतीय रुपया 88.109 तक पहुंच गया है।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कुछ ओर भी गिरावट आ सकती है, लेकिन इसके बाद भारतीय मुद्रा में सुधार आने वाला है। इस गिराट के पीछे आयातकों की महीने के अंत में मांग और घरेलू शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निरंतर निकासी की जा रही है। इसके कारण भारतीय रुपये में कमजोर दिखाई दे रही है। 

अमेरिकी टैरिफ से निवेशकों की बढ़ी चिंता

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ रेट के लागू होने से निवेशकों के भरोसे पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ा है। यही रुपये की कमजोरी का सबसे बड़ा कारण है। अमेरिका भारत के कुल निर्यात का करीब 20 फीसदी हिस्सा रखता है। ऐसे में टैरिफ बढ़ोतरी से भारत की ग्रोथ आउटलुक पर भी दबाव आ सकता है। अगस्त में रुपये में 0.7 फीसदी की गिरावट आई है।